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केदारनाथ धाम यात्रा: सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद केदारनाथ यात्रा मार्ग पर नहीं होगा घोड़े-खच्चरों का संचालन….

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रुद्रप्रयाग: उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के आदेश के बाद केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद किसी भी घोड़े-खच्चर का संचालन प्रतिबंधित कर दिया गया है। नियम तोड़ने वाले संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तहसील प्रशासन ऊखीमठ और पशुपालन विभाग इस बात पर सख्ती से नजर रखे हुए हैं।

केदारनाथ यात्रा में लगभग पांच हजार घोड़े-खच्चर यात्रियों और सामग्री ढोने में मदद करते हैं। कुछ समय पहले संक्रमण फैलने के कारण इनकी आवाजाही रोकनी पड़ी थी, लेकिन पशुपालन विभाग द्वारा क्वारंटीन और स्वास्थ्य जांच के बाद अब केवल स्वस्थ और फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त घोड़े-खच्चरों को ही यात्रा मार्ग पर चलने की अनुमति दी जा रही है। इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए सात पशु चिकित्सकों की टीमें अलग-अलग स्थानों पर तैनात हैं।

हाईकोर्ट ने घोड़े-खच्चरों के पंजीकरण और स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का संचालन केवल पंजीकृत और स्वस्थ्य जानवरों द्वारा ही किया जा सकता है और आधे रास्ते में आवाजाही बंद करना प्रतिबंधित है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।

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