रुद्रप्रयाग: आगामी 2 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा में इस बार यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। यात्रा के दौरान यात्रियों की उचित स्वास्थ्य जांच और तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लिनचोली और केदारनाथ में फिजीशियन तैनात किए जाएंगे। साथ ही, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) के विशेषज्ञ चिकित्सक भी यात्रा के दौरान अपनी सेवाएं देंगे।
केदारनाथ, जो समुद्रतल से 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, वहां की यात्रा में यात्रियों को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सांस लेने में दिक्कत, सिर दर्द, छाती में दर्द, आंखों में जलन और चक्कर आना जैसी समस्याएं आम हैं। इस बार केदारनाथ यात्रा के स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष योजना बनाई है, ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या से बचने और उनका तुरंत इलाज किया जा सके।
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 14 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी) स्थापित किए जाएंगे, जहां प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी। इन केंद्रों पर रक्तचाप, शूगर और ऑक्सीजन लेवल की जांच की जाएगी। इसके साथ ही, चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है।
मुख्य चिकित्साधिकारी रुद्रप्रयाग, डॉ. राम प्रकाश ने बताया कि इस बार यात्रा के दौरान एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद ली जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकें। इसके अलावा, केदारनाथ और लिनचोली में तैनात फिजीशियनों द्वारा यात्रियों की निगरानी और इलाज किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की योजना के तहत, विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ में की जाएगी, जिससे यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को उच्चतम चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
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