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भूस्खलन से मच गया हड़कंप: धरती की थरथराहट ने बढ़ाई चिंता !

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चमोली – भारत-चीन सीमा के निकट स्थित जोशीमठ से 12 किलोमीटर पहले हेलंग से मारवाड़ी तक निर्माणाधीन 5 किलोमीटर लंबे बाईपास में भूस्खलन की एक बड़ी घटना घटी है। यह घटना 12 अक्टूबर को हुई, लेकिन इसके वीडियो हाल ही में सामने आए हैं। सौभाग्य से, कार्य कर रहे मजदूरों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचा ली।

इस बाईपास का निर्माण चार धाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीय सरकार द्वारा बनाई गई निर्माण एजेंसी BRO द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, सड़क निर्माण के लिए किसी भी प्रकार की ब्लास्टिंग की अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, ठेकेदार एजेंसी ने गुपचुप तरीके से ब्लास्टिंग की। इसके परिणामस्वरूप, आसपास की पहाड़ियां दरकने लगी हैं।

भूस्खलन के कारण एक पहाड़ी का हिस्सा टूटकर गिर गया, जिससे निर्माण में लगी कंपनी की एक मशीन भी दब गई और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इस घटना में दर्जनों हरे पेड़ भी टूट गए हैं, जिससे स्थानीय पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा है।

इस भूस्खलन ने जोशीमठ के भविष्य पर संकट के बादल ला दिए हैं। यहां पिछले दो वर्षों से लगातार भूधसाव की घटनाएं हो रही हैं, और अब इस प्रकार की ब्लास्टिंग से लोगों में दहशत फैल गई है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि यदि इस तरह की गतिविधियां जारी रहीं, तो क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

भूस्खलन की इस घटना ने निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों की नाकामी को उजागर किया है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की गंभीरता से जांच करे और इस प्रकार की अनधिकृत गतिविधियों पर रोक लगाए ताकि जोशीमठ और उसके आस-पास के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

 

 

 

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