Dehradun

पुनर्वास की दिशा में बड़ी पहल: लखवाड़, त्यूनी-प्लासू और आराकोट जल परियोजनाओं से प्रभावितों को अब मिलेगा तीन गुना मुआवज़ा

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देहरादून: वर्षों से पुनर्वास और उचित मुआवज़े की मांग कर रहे लखवाड़, त्यूनी-प्लासू और आराकोट-त्यूनी जल विद्युत परियोजनाओं से प्रभावित ग्रामीण परिवारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब इन परियोजनाओं से प्रभावितों को भूमि अधिग्रहण का मुआवजा नैनबाग टिहरी परियोजना की तर्ज पर तीन गुना मिलेगा।

यह निर्णय शासन द्वारा जिला प्रशासन के प्रस्ताव को अनुमोदन देने के बाद लिया गया है। इसका सीधा लाभ देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्रों के उन गांवों को मिलेगा जहां वर्षों से ग्रामीण अपनी जमीन, घर और जीवनशैली के नुकसान के बदले न्याय की उम्मीद कर रहे थे।

इस निर्णय के पीछे जिला प्रशासन की संवेदनशीलता और सक्रियता प्रमुख रही है। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह बात सामने आई कि देहरादून जिले में लखवाड़ बांध परियोजना से प्रभावितों को मुआवज़े की जो दर तय की गई थी, वह टिहरी जिले में लागू दरों से काफी कम है।

ग्रामीणों ने इसे अन्यायपूर्ण मानते हुए नैनबाग (टिहरी) के बराबर मुआवज़ा देने की मांग उठाई। इस पर जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी कालसी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया, जिसमें यूजेवीएनएल और सब-रजिस्ट्रार के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया। समिति की संस्तुति पर शासन ने अब अनुमोदन प्रदान कर दिया है।

इस निर्णय का सीधा लाभ धनपो, लखवाड़, लकस्यार, खुन्ना अलमान, लुधेरा, खाती, दाऊ, ऊभौ, सरयाना जैसे प्रभावित गांवों को मिलेगा। वर्षों से इन गांवों के लोग भूमि अधिग्रहण के बाद उचित मुआवज़े और पुनर्वास की मांग कर रहे थे।

45.317 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। कुल 30.34 करोड़ रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि तय की गई है, जिसमें से अब तक 17.85 करोड़ का वितरण हो चुका है।

ग्राम रायगी और बृनाड बास्तील की कुल 5.999 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की जानी है। सर्वेक्षण, मूल्यांकन और अवार्ड की प्रक्रिया के बाद अनुदान राशि का वितरण शुरू होगा।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने प्रस्ताव शासन को भेजा था। अब इस पर सहमति मिल गई है। इससे प्रभावित परिवारों को न्याय मिलेगा और आर्थिक रूप से उन्हें मजबूती मिलेगी। साथ ही परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भी गति आएगी।

गौरतलब है कि लखवाड़ जल विद्युत परियोजना उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं में से एक है। इससे 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों को लाभ मिलेगा।

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