नई दिल्ली – दुनिया में हर साल 59 लाख गधों को उनकी खाल और यौनवर्धक दवाओं के लिए मारा जा रहा है। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि चीन उनकी खाल से एजियाओ का उत्पादन करता है। इसके लिए चीनी कंपनियां और उनके ठेकेदार पूरे अफ्रीका में लाखों गधे मार रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी कंपनियां गधे की खाल से जिलेटिन प्राप्त कर रही हैं, जिसे चीन में दवाओं के साथ लोकप्रिय मिठाइयों और सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है। खासकर यौनवर्धक, पौरुष शक्ति और ताकत बढ़ाने वाली दवाइयों के लिए इनकी बहुत ज्यादा मांग है। यदि इसे रोका न गया तो मारे जाने वाले गधों का संख्या 2027 तक 14 फीसदी बढ़कर 67 लाख तक पहुंच सकती है। दुनियाभर में गधों और खच्चरों की बेहतरी के लिए काम करने वाली संस्था द डंकी सैंक्चुअरी ने इस बारे में जारी ताजा रिपोर्ट में इनके शिकार के बारे में पूरी जानकारी दी है।
गधों की हत्या और तस्करी के पीछे की सबसे बड़ी वजह एजियाओ की बढ़ती मांग है। एजियाओ को कोला कोरी असीनी या डंकी हाइड ग्लू (गधे में छिपी गोंद) भी कहा जाता है। इसका बड़े पैमाने पर उपयोग चीन की पारंपरिक दवाओं में किया जाता है। चीन ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी इनका इस्तेमाल करता है।
भारत में भी तेजी से घट रही है गधों की आबादी
ब्रुक इंडिया (बीआई) की ओर से जारी रिपोर्ट ‘द हिडन हाईड’ के अनुसार 2012 से 2019 के बीच भारत में गधों की आबादी में 61.2 फीसदी की भारी कमी आई है।
गधे की खाल से निकाले गए कोलेजन से बनता है एजियाओ
एजियाओ गधे की खाल से निकाले गए कोलेजन से बनता है। खाल से निकाले जाने के बाद इससे गोलियां, बार या तरल रूप में दूसरी चीजों के साथ मिलाकर अनेक तरह के उत्पाद बनाए जाते है। 2013 में एजियाओ का उत्पादन 3,200 टन था, जिसके लिए 12 लाख गधों की खालों की जरूरत पड़ी थी।