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उत्तराखंड वन विभाग की नई पहल : शारदा नदी में मोटर बोट से होगी पेट्रोलिंग……

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नैनीताल : उत्तराखंड के तराई पूर्वी वन प्रभाग ने अब शारदा नदी में मोटर बोट के माध्यम से पेट्रोलिंग करने की योजना बनाई है। यह कदम वन्य जीव तस्करी और सीमा पार से हो रहे अवैध गतिविधियों पर काबू पाने के लिए उठाया गया है। वन विभाग का मानना है कि इस नई व्यवस्था से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर वन तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी और गश्त को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।

अब तक पेट्रोलिंग मैनुअल तरीके से होती थी, जिसमें वनकर्मियों को नेपाल सीमा से जंगलों में जाकर गश्त करनी पड़ती थी। यदि नेपाल की सीमा बंद हो जाती थी, तो वनकर्मियों को कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा, क्षेत्र की लंबाई और वन्य जीव तस्करों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए मैनुअल गश्त से निपटना काफी चुनौतीपूर्ण था।

नई मोटर बोट से होगा पेट्रोलिंग में सुधार

पूर्व में वनकर्मी गश्त के लिए मैनुअल बोट का इस्तेमाल करते थे, जिससे समय की बर्बादी होती थी और गश्त में अधिक समय लगता था। अब वन विभाग ने मोटर बोट को मंगवाया है, जिससे वनकर्मियों को गश्त में सहूलियत होगी और वे कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।

शारदा नदी में स्थित शारदा द्वीप पर लगभग 17,000 हेक्टेयर भूमि में प्राकृतिक वन है, जो नेपाल सीमा से जुड़ा हुआ है। अब तक वनकर्मियों को द्वीप में गश्त करने के लिए नेपाल के कंचनपुर जिले के ब्रह्मदेव गांव से पार करना पड़ता था, या फिर साधारण नाव से शारदा नदी को पार कर द्वीप तक पहुंचना पड़ता था। इन दोनों तरीकों में काफी कठिनाइयां थीं, जिनका समाधान अब मोटर बोट के माध्यम से किया जाएगा।

हाईटेक सुविधाओं से लैस मोटर बोट

वन विभाग ने मोटर बोट में हाईटेक सुविधाएं प्रदान की हैं। इसमें एक बार में 7 से 8 कर्मचारी गश्त पर जा सकते हैं। कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट, हेलमेट, घुटने और कोहनी के बैंड प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा, रात्रि गश्त के लिए एलईडी लाइट्स भी बोट में लगाई गई हैं, जिससे वनकर्मियों को रात के समय भी गश्त करने में कोई परेशानी नहीं होगी।

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मोटर बोट की कीमत लगभग तीन लाख रुपए है, और फिलहाल एक बोट को मंगवाया गया है। भविष्य में दो और बोट खरीदने की योजना है, जिससे गश्त को और अधिक प्रभावी और तेज़ बनाया जा सके।

वन्य जीव तस्करी पर नकेल कसने की योजना

तराई पूर्वी वन विभाग के डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने बताया कि इस नई पहल से वन तस्करी पर कड़ी नज़र रखी जाएगी और वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। मोटर बोट के जरिए गश्त के दौरान तस्करों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी, जिससे वन विभाग को अपने कार्य में और अधिक सफलता मिलेगी।

 

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