Uttarakhand
भारत-चीन युद्ध में 18 साल की उम्र में शहीद पायनीर रायचंद असवाल को 61 साल बाद मिला सम्मान !
उत्तरकाशी: भारत-चीन युद्ध में शहादत देने वाले उत्तरकाशी के ग्राम सभा बगासू बड़कोट के पायनीर रायचन्द असवाल को 61 साल बाद उनका सम्मान मिल गया। बृहस्पतिवार को जिला सैनिक कल्याण अधिकारी और खण्ड विकास अधिकारी नौगांव ने उनकी मूर्ति का अनावरण किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
पायनीर रायचन्द असवाल ने महज 18 साल की उम्र में 1962 के भारत-चीन युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस मौके पर उनके योगदान को याद करते हुए गांववासियों और क्षेत्रीय लोगों ने शहीद के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया। शहीद की शहादत पर गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें लोक नृत्य और तिरंगा यात्रा भी निकाली गई। नौनिहालों द्वारा शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए फैलग मार्च निकाला गया।
पायनीर रायचन्द असवाल की भतीजी कुलवंती रावत ने शहीद पर आधारित कविता सुनाकर कार्यक्रम में उपस्थित सभी को भावविभोर कर दिया। उनके भतीजे शैलेन्द्र असवाल ने बताया कि 1962 के भारत-चीन युद्ध में नेफा सेक्टर में भारत के जवानों ने वीरता से लड़ाई लड़ी थी। कई भारतीय जवानों की तरह पायनीर रायचन्द असवाल ने भी देश के लिए शहादत दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल जयेश बुटोला ने कहा कि नेफा सेक्टर के वीर शहीदों का बलिदान और समर्पण राष्ट्र के लिए गर्व का कारण है। उनका बलिदान और अटूट भावना हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी।
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