Pithauragarh

पिथौरागढ़: आईआईटी बॉम्बे ने प्रदेश में पहली बार आयोजित किया कैंसर जांच शिविर, गर्भाशय कैंसर संबंधी महिलाओं की उमड़ी भीड़।

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पिथौरागढ़ – आईआईटी बॉम्बे (मुंबई) की ओर से आयोजित गर्भाशय कैंसर और महिला जननांगों संबंधी रोगों की जांच के लिए आयोजित शिविर के चौथे और अंतिम दिन शनिवार को 150 से अधिक महिलाओं की जांच की गई। कुल चार दिनों के लिए आयोजित इस कैंप में 250 से अधिक महिलाओं ने जांच करायी। इसमें जिला मुख्यालय के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में महिलाएं जांच के लिए जिला महिला अस्पताल पहुंची। आईआईटी बॉम्बे द्वारा बनाई गई गायने कैम डिवाइस के जरिये महिला डॉक्टरों और आईआईटी के विशेषज्ञों ने स्क्रीनिंग (जांच) के कार्य को अंजाम दिया। शिविर में मुख्य रूप से गर्भाशय कैंसर व जननांगों में उत्पन्न होने वाले अन्य रोगों की जांच की गई। पिथौरागढ़, उत्तराखंड का पहला जिला है, जिसमें आईआईटी बॉम्बे ने पहली बार सर्वाकल कैंसर की जांच के लिए कैंप आयोजित किया। अब आईआईटी शासन प्रशासन के सहयोग से पूरे राज्य में इस प्रकार के कैंप आयोजित करने पर विचार कर रहा है।

कैंप के आखिरी दिन शनिवार को जिलाधिकारी रीना जोशी ने महिला अस्पताल में कैंप का निरीक्षण किया और अब तक की जांच के नतीजों पर विशेषज्ञों से जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने कहा कि आगे भी सर्वाइकल कैंसर संबंधी स्क्रीनिंग के लिए आईआईटी बॉम्बे से डिवाइस उपलब्ध कराने पर बातचीत चल रही है। जिनके उपलब्ध हो जाने पर महिला रोग चिकित्सकों को डिवाइस से सर्वाइकल कैंसर संबंधी जांच के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जांच कैंप जनपद के कस्बाई क्षेत्रों में भी आयोजित किए जाएंगे।

मुम्बई से टीम के साथ आए संस्थान के अधिकारी पुष्पदीप मिश्रा ने बताया कि पिथौरागढ़ की जिलाधिकारी रीना जोशी ने आईआईटी बॉम्बे को अनुरोध किया था कि पर्वतीय क्षेत्र में महिलाओं के जननांगों में सर्वाइकल कैंसर की घटनाएं लगातार प्रकाश में आ रही हैं, जिसकी जांच करने में मदद करें। इस अनुरोध के आधार पर संस्थान ने पिथौरागढ़ महिला चिकित्सालय में 3 से 6 जुलाई तक शिविर का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि आईआईटी बॉम्बे ने हाल में गायने केम नाम से एक ऐसी डिवाइस इजाद की है जो महिलाओं से संबंधित कर्क रोग (सर्वाइकल कैंसर) का पता लगाने में कारगर रही है।

इस डिवाइस को इससे पहले इजराइल द्वारा तैयार किया गया, जिसकी लागत अत्यधिक है, लेकिन अपने शोध कार्य के बाद आईआईटी बॉम्बे ने काफी कम लागत में नई डिवाइस तैयार की है। जिसका उपयोग गायनोकोलोजिकल कैंसर की जांच में किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह जांच हर महिला को करनी चाहिए, चाहे वह स्वस्थ ही क्यों न हो। क्योंकि समय पर कैंसर की संभावना का पता चलने पर उपचार आसान हो जाता है।

जांच टीम में आईआईटी बॉम्बे से आयीं जुबीन सांवला, बेरील स्टॅली के साथ ही महिला डॉक्टरों की टीम व नर्सिंग स्टाफ शामिल था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एसएच ह्यांकी तथा प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय डा0 नबियाल उपस्थित रहे।

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