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अनोखी श्रद्धा का स्थान: उत्तराखंड के इस मंदिर में संतान की प्राप्ति के लिए करें ये अनुष्ठान !

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आज हम बात करेंगे एक पवित्र स्थल के बारे में जो उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में स्थित है—कमलेश्वर महादेव मंदिर। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक अद्भुत स्थान भी है। जो अपनी प्राचीनता और धार्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।

कमलेश्वर महादेव मंदिर की मान्यताएँ

  1. संतान की प्राप्ति: मंदिर में खड़ा दीया अनुष्ठान को संतान की कामना के लिए विशेष रूप से किया जाता है। मान्यता है कि इस अनुष्ठान में भाग लेने वाले दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है।
  2. भगवान शिव की आराधना: कहा जाता है कि दंपति हर साल कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी की रात भगवान शिव की पूजा करते हैं। यह पूजा उनके लिए संतान प्राप्ति का वरदान लेकर आती है।
  3. भगवान विष्णु की तपस्या: मान्यता है कि भगवान विष्णु ने दानवों पर विजय प्राप्त करने के लिए इस मंदिर में भगवान शिव से वरदान मांगा था। उन्होंने यहां एक हजार कमल के पुष्प चढ़ाए, जिसमें भगवान शिव ने एक कमल छिपा दिया था।
  4. माँ पार्वती की कृपा: एक दंपति ने भगवान शिव की लीला को देखकर संतान प्राप्ति का वरदान प्राप्त किया। यह घटना मां पार्वती के अनुरोध पर हुई थी।
  5. ब्रह्म हत्या का दोष: मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण के वध के बाद ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति के लिए भी कमलेश्वर में भगवान शिव की आराधना की थी।
  6. धार्मिक आस्था: मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, और यहां आस्था से भरपूर भक्तों की भीड़ हर साल लगती है।

 

श्रीनगर के ऐतिहासिक कमलेश्वर महादेव मंदिर में आगामी 14 नवंबर को बैकुंठ चतुर्दशी पर्व के अवसर पर खड़ा दीया अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। यह अनुष्ठान विशेष रूप से संतान की कामना के लिए किया जाता है, और मान्यता है कि इसमें भाग लेने वाले दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है।

मंदिर प्रशासन ने इस अनुष्ठान के लिए तैयारियों को शुरू कर दिया है। पंजीकरण की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है, और निसंतान दंपतियों की इस अनुष्ठान में भाग लेने के लिए उत्सुकता देखने को मिल रही है। अब तक, देश के विभिन्न हिस्सों से 49 दंपतियों ने पंजीकरण करवाया है, जिनमें चेन्नई, जयपुर, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के दंपति शामिल हैं। पंजीकरण की अंतिम तिथि 14 नवंबर दोपहर 3 बजे तक है।

कमलेश्वर महादेव मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने बताया कि पिछले वर्ष 2023 में 175 निसंतान दंपतियों ने इस अनुष्ठान के लिए पंजीकरण करवाया था। इच्छुक दंपति महंत आशुतोष पुरी के संपर्क नंबर 9412324526 पर कॉल कर पंजीकरण करवा सकते हैं।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर और उसके आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, मंदिर परिसर को भव्य तरीके से सजाने का कार्य भी जारी है। माना जा रहा है कि इस बार बैकुंठ चतुर्दशी पर अनुष्ठान और भी भव्य होगा।

कमलेश्वर महादेव मंदिर की मान्यता के अनुसार, हर साल कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी की रात दंपति भगवान शिव की पूजा करते हैं। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने दानवों पर विजय पाने के लिए इस मंदिर में भगवान शिव से वरदान प्राप्त किया था। इस दौरान एक दंपति ने भगवान शिव की लीला को देखकर संतान प्राप्ति का वरदान प्राप्त किया था। तब से यहां इस पर्व पर खड़ा दीया अनुष्ठान किया जाता है।

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