देहरादून – प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन शिव परिवार की आराधना से दाम्पत्य जीवन में सुधार और धन-संपत्ति की प्राप्ति के योग बनते हैं।
इस बार प्रदोष व्रत 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिसमें वृद्धि योग और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का शुभ संयोग है। इस दिन चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे, जिससे दान का विशेष महत्व है।
पूजा का मुहूर्त
पूजा का सही समय – 15 अक्टूबर, शाम 5:38 बजे से 8:13 बजे तक**। इस दौरान आप भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं।
दान के लिए चीजें
हरी सब्जियाँ – गौशाला में दान करने से सुख-समृद्धि का वास।
हरे रंग की चूड़ियाँ – विवाहित महिलाओं को दान करने से वैवाहिक जीवन में खुशियाँ बनी रहती हैं।
दूध, दही, रसगुल्ले – दान करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
फलों का दान – इच्छाओं की पूर्ति में सहायक।
पूजा विधि
1. पूजा सामग्री एकत्र करें।
2. साफ चौकी पर वस्त्र बिछाकर शिव-पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
3. शिवलिंग पर शहद, घी, और गंगाजल से अभिषेक करें।
4. फूल, बेलपत्र, और भांग अर्पित करें।
5. दीया और धूप बत्ती जलाएं।
6. महादेव के मंत्रों का जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
7. अंत में आरती करें और क्षमा मांगें।
शिव जी की आरती
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।
इस प्रदोष व्रत पर सच्चे मन से उपवास और पूजा करने से भोलेनाथ आपके सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे। पूजा और दान से प्राप्त फल की आशा के साथ, इस व्रत का लाभ उठाएं !
डिस्क्लेमर/अस्वीकरण – ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए (janmanchTV) उत्तरदायी नहीं है।