देहरादून : उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) और वन विभाग राज्य में वनाग्नि (जंगलों में आग) की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों के तहत राज्य में वनों की आग पर नियंत्रण के लिए जनवरी में मॉक ड्रिल (मॉक अभ्यास) आयोजित किया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य के विभिन्न विभागों और जनपदों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान, विनोद कुमार सुमन ने कहा कि राज्य के जंगलों को आग से बचाने और वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एनडीएमए से मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं।
मॉक ड्रिल की तारीखें और स्थान
एनडीएमए के निर्देशों के अनुसार, राज्य के सात सबसे संवेदनशील जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। 22 जनवरी को अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी में यह मॉक ड्रिल होगी। इससे पहले, 7 जनवरी को इन जिलों में ओरिएंटेशन और कोऑर्डिनेशन बैठक का आयोजन किया जाएगा, जबकि 20 जनवरी को टेबल टॉप एक्सरसाइज (अभ्यास) भी आयोजित किया जाएगा।
पिरूल पर विशेष ध्यान
इस अवसर पर अपर सचिव वन, विनीत कुमार ने कहा कि वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए फॉरेस्ट फायर मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत पिरूल कलेक्शन (सूखी पत्तियां और लकड़ी) की नियमित समीक्षा की जाएगी, क्योंकि पिरूल जितना कम होगा, वनाग्नि की घटनाएं उतनी ही कम होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि पिरूल के खरीद मूल्य को बढ़ाने पर शासन स्तर पर विचार चल रहा है और जल्द ही इसमें वृद्धि की जाएगी।