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उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू, 19 जून को तय होगी तिथि

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देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख़ नज़दीक आ रही है, लोगों में उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है। प्रदेश के हरिद्वार जिले को छोड़कर बाकी 12 जिलों में पंचायत चुनाव 31 जुलाई तक कराए जाने की उम्मीद है। बीते शुक्रवार को चुनाव के लिए अंतिम आरक्षण जारी कर दिया गया जिससे चुनाव प्रक्रिया को लेकर स्पष्टता आने लगी है।

हालांकि आरक्षण के अंतिम प्रकाशन के बाद विभाग को प्रदेशभर से 3000 से अधिक आपत्तियाँ मिली हैं। ये आपत्तियाँ ग्रामीण क्षेत्रों से आई हैं, जहां लोगों ने सीटों के आरक्षण को लेकर सवाल उठाए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि जिस सीट को पिछली बार महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था उसे इस बार भी महिलाओं के लिए ही आरक्षित किया गया है। वहीं कुछ ग्रामीणों ने एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को लेकर आरक्षण प्रणाली पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि कुछ सीटें सामान्य वर्ग के लिए भी खुली होनी चाहिए…जबकि कुछ का कहना है कि पिछड़े और अनुसूचित वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाया जाए।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आरक्षण शासनादेश के अनुसार तय किया गया है। नियमों के अनुसार एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों का कुल आरक्षण किसी भी स्थिति में 50% से अधिक नहीं हो सकता। यदि एससी और एसटी का आरक्षण कुल 50% तक पहुँचता है तो उस स्थिति में ओबीसी के लिए आरक्षण नहीं दिया जाएगा।

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 14 और 15 जून को लोगों से आरक्षण पर दावे और आपत्तियाँ मांगी गई थीं। इसके बाद 16 और 17 जून को जिलाधिकारियों द्वारा आपत्तियों का निस्तारण किया गया और अब 18 जून को आरक्षण का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इसी के साथ पंचायत चुनाव को लेकर तस्वीर और साफ हो जाएगी।

सूत्रों के अनुसार चुनाव की अधिसूचना 20 जून को जारी की जा सकती है…जबकि 19 जून को पंचायत चुनाव की तारीख़ की अंतिम घोषणा हो सकती है। प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सबसे ज़्यादा आपत्तियाँ ऊधमसिंह नगर जिले से आई हैं…जहां 800 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा देहरादून, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी, चंपावत, चमोली और अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में आपत्तियाँ आई हैं।

चुनाव आयोग द्वारा मतदान के लिए 10 जुलाई की तिथि प्रस्तावित की गई है…लेकिन चुनाव दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। इसके लिए 7 जुलाई का विकल्प भी रखा गया है। मतगणना 15 जुलाई से शुरू हो सकती है।

शासन द्वारा पंचायत चुनाव की प्रक्रिया और आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नई नियमावली भी जारी कर दी गई है। इसके अनुसार, ग्राम पंचायतों में एबीडीओ और क्षेत्र पंचायतों में एसडीएम को चुनाव प्रक्रिया के संचालन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। पंचायत का गठन निर्धारित तिथि या 31 जुलाई से पहले पूरा कर लिया जाएगा।

अब सबकी निगाहें 19 जून पर टिकी हैं जब स्पष्ट हो जाएगा कि राज्य में पंचायत चुनाव कब और किस तरीके से कराए जाएंगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

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