Dehradun
सत्र को लेकर तैयारियां पूरी, सुरक्षा के लिए कड़े निर्देश: विधानसभा अध्यक्ष
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सोमवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा में 19 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया। सत्र को लेकर विधानसभा सभागार में विभिन्न विभागों के उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि अब तक 32 विधायकों से 547 प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं। सत्र को सुचारु रूप से चलाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इस दौरान पुलिस अधिकारियों को सत्र के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर में प्रवेश के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाए।
सत्र के दौरान विशेष व्यवस्थाएं
सत्र के संचालन के लिए विधानसभा ने नेवा (नेशनल इलेक्ट्रोल वेब एप्लीकेशन) का उपयोग करने का निर्णय लिया है। आईटीडीए को विशेष निर्देश दिए गए हैं ताकि इस एप्लीकेशन के माध्यम से सत्र को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त, संचार कंपनियों से विधानसभा परिसर में हाई स्पीड नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, पूरे विधानसभा परिसर में वाई-फाई सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
अन्य व्यवस्था पर भी हुई चर्चा
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बिना प्रवेशपत्र के कोई भी विधानसभा कर्मचारी वाहन लेकर परिसर में प्रवेश नहीं करेगा। मंत्रियों की सिफारिश पर दो और विधायकों की सिफारिश पर दो आगंतुकों को प्रवेशपत्र जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही, सत्र के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं, बिजली और पानी की आपूर्ति को सुचारु बनाए रखने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
सत्र स्थल पर विचार
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मानसून सत्र भराड़ीसैंण में ही होगा और इस संबंध में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मौसम की स्थिति को देखते हुए अगर सरकार सत्र के स्थान में कोई बदलाव करती है तो देहरादून में भी सत्र आयोजित करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक विधायकों की ओर से सत्र को देहरादून में कराने के लिए कोई पत्र नहीं मिला है।
उन्होंने विधायकों से आग्रह किया कि वे सदन की गरिमा का सम्मान करें और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा करें, ताकि विधानसभा सत्र से सकारात्मक परिणाम निकल सके।