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उत्तराखंड: मारपीट की घटना पर पुरोला विधायक की प्रतिक्रिया, पूर्व विधायकों को लिया आड़े हाथों !

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देहरादून – सीमांत विधानसभा पुरोला इन दिनों खासी चर्चा में है। चर्चा का केंद्र मौजूदा विधायक दुर्गेश्वर हैं। विधायक का कभी लेटरपेड (letterhead) वायरल हो रहा है, कभी कथित मारपीट की घटनाएं। जबकि वह खुद जम्मू कश्मीर में भाजपा चुनाव प्रबंधन का काम देख रहे हैं।

इस पूरे घटनाक्रम पर उन्होंने जम्मू कश्मीर से अपने सोशल मीडिया पेज लाइव कर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 14 मिनट के इस लाइव में उन्होंने पुरोला के पूर्व विधायकों पर षड्यंत्र का आरोप लगाया है।

विधायक दुर्गेश्वर ने कहा कि कुछ भ्रष्टाचारी जिन्होंने खुद कभी काम नहीं किया और करना चाहते हैं, अब ना करना देना चाह रहे हैं। वह षड्यंत्र के तहत उनको बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, और पुरोला में विकास की गति को रोकना चाहते हैं। कहा कि इसका जीता जागता उदाहरण नगर पंचायत पुरोला है, जहां षड्यंत्रकारियाें ने विकास को अवरूद्ध किया।

पुरोला विधायक ने आगे कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत व सस्ती लोकप्रियता को हासिल करने के लिए कभी मेरा फर्जी पत्र वायरल किया जा रहा है। कभी उन पर मारपीट का इल्जाम लगाकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मेरा जो पत्र वायरल किया गया है उसमें साइन (Signature) स्कैन किए गए है जबकि उनके पत्र हस्तलिखित (Handwriting) होते हैं। अब वह षड्यंत्रकारी दो बेरोजगार युवाओं को डाल बनाकर उन पर मारपीट का आरोप लगा कर बदनाम कर रहे हैं।

दुर्गेश्वर ने कहा कि उनके द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा पांच बड़ी घोषणाएं पुरोला विधानसभा के लिए की गई। जिनमें से चार धरातल पर उतरने वाली है। स्वास्थ्य (Health) के क्षेत्र में उप जिला अस्पताल पुरोला में बेहतर सुविधाएं उनके कार्यकाल में की गई है और आगे भी की जा रही है। गंभीर अस्वस्थ लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से हायर सेंटर लाया जा रहा है। शिक्षा (Education) के क्षेत्र में उनके द्वारा 9 इंटर कॉलेज स्वीकृत करवाए जा चुके हैं, खेलने के लिए प्ले ग्राउंड बनाया जा रहे हैं, मोरी – संकरी – जखोल मोटर मार्ग के लिए 32.5 करोड़ स्वीकृत कराए गए हैं। गढ़ अंबेडकर सड़क का कार्य पिछले 28 वर्षों से लटका हुआ था उसके लिए 4.45 करोड़ स्वीकृत करवाए गए अब उसका डामरीकरण हो रहा है। जो अधिकारी ठीक से काम नहीं करते थे उनको भी लाइन पर लाने का काम किया गया। यह सब विकास कार्य षड्यंत्रकारियों को रास नहीं आ रहे हैं और उनकी छवि को पार्टी में धूमिल करना चाहते हैं। इसलिए वह उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।

पूर्व विधायकों पर साजिश का आरोप

विधायक दुर्गेश्वर लाल ने पुरोला विधानसभा के पूर्व विधायकों पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने पिछले 5 या 10 सालों के अपने कार्यकाल में क्या किया उन लोगों से पूछा जाना चाहिए। क्या उन्हें विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं मिलता था? गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व विधायकों ने अपनी छपोटी, पुलिया व कमीशन के अलावा कोई काम नहीं किया। कहा कि गरीब लोगों की जमीन औने – पौने दामों में बेची और खरीदी गई इसकी जांच होनी चाहिए।

कौन है पुरोला से पूर्व विधायक

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उत्तराखंड राज्य गठन के बाद 2002 में पहले चुनाव हुआ और भाजपा के टिकट पर मालचंद ने जीत हासिल की। 2007 में दूसरा चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के टिकट पर राजेश जुवाठा ने विजय हासिल की। 2012 में फिर मालचंद पुरोला विधानसभा से निर्वाचित हुए। 2017 में कांग्रेस के टिकट पर राजकुमार ने विजय हासिल की और 2022 के ठीक चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए। लेकिन चुनाव नहीं लड़ा। 2022 में भाजपा के टिकट पर दुर्गेश्वर लाल ने चुनाव पर्चा दाखिल किया और वह जीते भी। अब मालचंद और राजकुमार दोनों ही पूर्व विधायक बीजेपी में है। ऐसे में विधायक दुर्गेश्वर लाल द्वारा लगाए गए आरोप पार्टी के दोनों ही पूर्व विधायकों की तरफ इशारा कर रहे हैं। हालांकि पार्टी षड्यंत्र रचने वाले बयान की (Investigation) जांच करेगी या नहीं साथ ही पूर्व विधायकों की इस पर क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। यह देखने वाली बात होगी।

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