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रुपया 84.50 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर, वैश्विक घटनाक्रमों से बाजार पर असर….

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हाल ही में करेंसी मार्केट में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है। 22 नवम्बर 2024 को एक डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू घटकर 84.50 रुपये के ऐतिहासिक निचले स्तर पर जा पहुंची। यह गिरावट अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनावों में जीत और वैश्विक तनाव के कारण डॉलर में मजबूती के चलते आई है।

वैश्विक तनाव और अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में उछाल
इजरायल-ईरान और रूस-यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के चलते डॉलर की मांग में वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही अमेरिकी डॉलर इंडेक्स भी इस महीने 3% से ज्यादा उछल चुका है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है, जिससे डॉलर में और भी मजबूती आई है और रुपया कमजोर हुआ है।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से रुपया हुआ कमजोर
नवंबर महीने में विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी और बॉन्ड मार्केट से 4 बिलियन डॉलर का निवेश निकाल लिया है। इसके चलते भारतीय बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा और रुपया अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया।

भारत में महंगाई बढ़ने का खतरा
रुपये की कमजोरी के चलते भारत में महंगाई बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। खासकर, जिन वस्तुओं का भारत आयात करता है, जैसे कच्चा तेल, खाने का तेल, दाल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और ऑटोमोबाइल पार्ट्स, उनके आयात पर ज्यादा खर्च होगा। इसके साथ ही विदेशों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के लिए डॉलर भेजने के लिए अभिभावकों को अधिक रुपये खर्च करने पड़ेंगे, जिससे महंगाई का बोझ बढ़ेगा।

 

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