Dehradun
वीरता को नमन: उत्तराखण्ड पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, मुख्यमंत्री ने की कई घोषणाएं !
205 दीप, जो हमेशा जलते रहेंगे – उत्तराखण्ड पुलिस का शौर्य और बलिदान कभी नहीं भुलाया जाएगा, पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि, उत्तराखंड पुलिस के लिए मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणाएं-
• राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के सुअवसर पर उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त कार्मिकों को एक विशेष रजत जयंती प्रदान किए जाने
• आगामी 03 वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु प्रतिवर्ष ₹100 करोड़ की धनराशि दी जाने
• भवाली नैनीताल, ढालमल्ला काण्डा बागेश्वर, नैनीडांडा धुमाकोट पौड़ी, घनसाली टिहरी, सतपुली पौड़ी में एसडीआरएफ के जवानों हेतु 5 बैरकों का निर्माण कराए जाने
• विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु पुलिस कल्याण निधि के अन्तर्गत वर्तमान में प्रावधानित ₹2.50 करोड़ की धनराशि को पुनरीक्षित करते हुये आगामी एक वर्ष के लिए ₹4.50 करोड़ किए जाने की घोषणा की।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों के पुलिस बलों और अर्धसैनिक बलों के जवानों पर है। अपने इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए बीते एक वर्ष में, संपूर्ण भारत में 186 अर्धसैनिक बलों और पुलिस कर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, जिनमें उत्तराखंड पुलिस के 4 वीर सपूत भी शामिल हैं। सभी वीर बलिदानी हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की बुनियाद हैं, उनका बलिदान हम सभी के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार, राज्य की पुलिस व्यवस्था को और भी अधिक सक्षम और संसाधनयुक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार, पुलिस बल के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क के अंतर्गत QRT का गठन किया गया है। सरकार ने विगत तीन वर्षों में पुलिस विभाग के भवनों के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की है। ये राशि पूर्व वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक है। प्रशासनिक भवनों के साथ 688 आवासीय भवनों का निर्माण कार्य गतिमान है। शीघ्र ही हम 120 नए आवासों का निर्माण भी प्रारंभ करने जा रहे हैं। सरकार ने स्मार्ट पुलिसिंग की परिकल्पना को साकार करने के लिए जवानों के बैरक मैस और कार्यस्थलों के अपग्रेडेशन के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई है। सरकार ने नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के लिए अब तक 5 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत समस्त पुलिस कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करा रही है।
पुलिस कर्मियों के वेतन, भत्ते, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, और अवकाश से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है। सरकार ने आपदा राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एसडीआरएफ की एक नई कंपनी की भी स्वीकृति प्रदान की है, जिसके तहत 162 नए पदों का सृजन किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक सीधी भर्ती के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को वर्तमान में पीटीसी नरेंद्र नगर में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उप निरीक्षक के 222 पदों के साथ-साथ 2000 सिपाहियों की भर्ती भी प्रक्रियाधीन है।
इस वर्ष उत्तराखंड पुलिस ने कांवड़ यात्रा में लगभग 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और चारधाम यात्रा में करीब 50 लाख से अधिक भक्तों को सुरक्षित और सुगम यात्रा एवं दर्शन कराने में अद्वितीय योगदान दिया है। वी.आई.पी कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के साथ ही राष्ट्रीय खेलों और राज्य में आयोजित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय कार्यक्रमों में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने सराहनीय कार्य किया। उन्होंने कहा राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के खतरे का सामना भी हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और तत्परता से किया। जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी।
हमारे लिए साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन चुका है। AI के आने के बाद पुलिस को इस दिशा में और भी अधिक सजग रहना होगा क्योंकि साइबर अपराधों का स्वरूप अब दिन-प्रतिदिन बदल रहा है। उन्होंने कहा हमें साइबर अपराधियों से मुकाबला करने के लिए एक कदम आगे रहना होगा, और इसके लिए हमारी पुलिस को तकनीकी ज्ञान में दक्ष होना आवश्यक है। उन्होंने कहा पुलिस फोर्स ने साइबर फ्रॉड के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए 63 करोड़ रुपये से अधिक की राशि, पीड़ितों को लौटाकर उत्तराखंड पुलिस पर जनता के विश्वास को मजबूत किया है।
पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड का उद्धबोधन-
आज, 21 अक्टूबर, पूरे देश के लिए एक अत्यंत भावनात्मक दिन है, जो हमें पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के उन अमर वीरों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।
सन 1959 में आज ही के दिन लद्दाख के हॉटस्प्रिंग क्षेत्र में 16,000 फीट की ऊँचाई पर CRPF के दस वीर जवानों ने SI करन सिंह के नेतृत्व में देश की रक्षा के लिए असाधारण साहस का परिचय दिया और मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की। उन्हीं की स्मृति में प्रत्येक वर्ष आज का दिन ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है।
राज्य का नाम शहीदों की संख्या-
आन्ध्र प्रदेश 5
अरुणाचल प्रदेश 1
असम 2
बिहार 8
छत्तीसगढ़ 16
गुजरात 3
झारखण्ड 1
कर्नाटक 8
केरल 1
मध्य प्रदेश 8
महाराष्ट्र 1
मणिपुर 3
नागालैण्ड 1
उडीसा 2
पंजाब 3
राजस्थान 7
तमिलनाडू 6
तेलंगाना 5
त्रिपुरा 2
उत्तर प्रदेश 3
उत्तराखण्ड 4
पश्चिम बंगाल 12
चण्डीगढ़ 2
दिल्ली 8
जम्मू एवं कश्मीर 14
लद्दाख 1
असम राइफल्स 2
बी0एस0एफ0 23
सी0आई0एस0एफ0 6
सी0आर0पी0एफ0 8
आई0टी0बी0पी0 5
एस0एस0बी0 5
एन0डी0आर0एफ0 1
आर0पी0एफ0 9
इनमें उत्तराखण्ड पुलिस के 04 अधिकारी/कर्मचारी भी शामिल हैं —
• अपर गुल्मनायक पुष्कर चन्द्र
• अपर उपनिरीक्षक संजीव
• आरक्षी सशस्त्र पुलिस धनराज
• आरक्षी नागरिक पुलिस गोकुल लाल
पुलिस केवल एक वर्दीधारी बल ही नहीं, बल्कि कर्तव्य, अनुशासन और जनसेवा का जीवंत प्रतीक है। विपरीत परिस्थितियों में भी, चाहे आपदा प्रबन्धन हों, यातायात और भीड़ प्रबन्धन की चुनौतियाँ हों या संगठित अपराध की रोकथाम हो—हमारे पुलिसकर्मी सदैव सजग और तत्पर रहते हैं।
उत्तराखण्ड के शहीद पुलिसकर्मियों के परिजन हमारे पुलिस परिवार का अभिन्न अंग है। उनके साथ निरंतर संवाद बनाए रखना, उन्हें संबल प्रदान करनाऔर उनकी प्रत्येक समस्या का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना हमारा यह दायित्व केवल संवेदना तक सीमित नहीं, बल्कि निरंतर सहयोग और सम्मान का जीवंत संकल्प है। इसी भावना के साथ, शहीद पुलिस जवानों, सेना एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिजनों और सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों की देखभाल एवं सहायता के लिए प्रत्येक जनपद तथा पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। ये नोडल अधिकारी हमारे वीर साथियों के परिवारों से लगातार संपर्क में रहते हैं और पेंशन, चिकित्सा सहायता, परामर्श सेवाओं, समस्याओं के निस्तारण तथा अन्य कल्याणकारी कार्यों को पूरी संवेदनशीलता, तत्परता और समयबद्धता के साथ संपादित करते हैं।
हमारे पुलिस कर्मी, जो दिन-रात जनता की सुरक्षा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, उनके तथा उनके परिवारों के हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक मानवीय पहलें की जा रही हैं।
अब तक पुलिस कर्मियों के 3612 मेधावी बच्चों को उच्च शिक्षा, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए ₹3 करोड़ 4 लाख की छात्रवृत्ति दी गई है, ताकि उनके सपनों को नई उड़ान मिल सके।
जीवन रक्षक निधि के तहत मेडिकल उपचार के लिए लगभग 600 कार्मिकों को ₹17 करोड़ की अग्रिम सहायता दी गई है।
विभिन्न बैंको के साथ सैलरी पैकेज योजना के अंतर्गत पुलिस कर्मियों को ₹1 करोड़ तक का निःशुल्क दुर्घटना बीमा और ₹10 लाख तक का जीवन बीमा दिया जा रहा है। अब तक 55 कार्मिकों को ₹26 करोड़ 20 लाख की अनुग्रह राशि उन परिवारों को दी जा चुकी है, जिन्होंने अपने प्रियजन को कर्तव्यपथ पर खो दिया।
हमारे पुलिस बल के प्रत्येक सदस्य का कल्याण और सुविधा हमारी प्राथमिकता रही है। इसी दृष्टि से, वर्तमान में राज्य के 13 जनपदों और 04 पीएसी वाहिनियों में सेंट्रल पुलिस कैंटीन (CPC) की सुविधा प्रदान की जा रही है। इन कैंटीनों के माध्यम से हमारे पुलिस कार्मिकों और उनके परिवारों को दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएँउचित दर परउपलब्ध कराई जाती हैं।
एक सैनिक पुत्र होने के नाते आपने जवानों की आवश्यकताओं और उनकी भावनाओं को भली-भाँति समझा है। चाहे पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय सुविधाओं का विस्तार हो, बैरकों एवं कार्यस्थलों का उच्चीकरण हो, या फिर उन्हें गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करानी हों — आपने प्रत्येक क्षेत्र में उनके जीवन स्तर और कार्य क्षमता में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित किया है।
अंत में, मैं आप सभी को यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि उत्तराखण्ड पुलिस का प्रत्येक सदस्य, अपने शहीद साथियों के आदर्शों से प्रेरणा लेकर, पूरी निष्ठा, ईमानदारी और साहस के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करता रहेगा।