Dehradun
उत्तराखंड समेत देश की 256 सरकारी वेबसाइटों पर एसईओ पॉइजनिंग अटैक, विशेषज्ञों ने समय रहते रोका…
देहरादून: उत्तराखंड सहित देश की 256 सरकारी वेबसाइटों पर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) पॉइजनिंग अटैक हुआ है। हालांकि, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) के विशेषज्ञों ने इस हमले को समय रहते पकड़ लिया और गूगल को ई-मेल भेजकर इसके दुष्प्रभाव को समाप्त कर दिया। उत्तराखंड की करीब 10 सरकारी वेबसाइटें इस अटैक की चपेट में आई थीं, जिनमें राजाजी टाइगर रिजर्व, सामाजिक सुरक्षा राज्य पोर्टल और सीएम लेटर मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण वेबसाइटें शामिल थीं।
यह अटैक तब हुआ जब गूगल सर्च इंजन में इन वेबसाइटों को सर्च करते समय नीचे अन्य लिंक दिखाई दे रहे थे। इसका मतलब था कि इन वेबसाइटों में कहीं न कहीं घातक लिंक घुसाए गए थे। इस स्थिति के तुरंत बाद, आईटीडीए की टीम ने गूगल को ई-मेल भेजकर इसे सुधारने की कार्रवाई की। विशेषज्ञों का कहना है कि इस अटैक का प्रभाव सिर्फ गूगल सर्च इंजन पर था, जबकि अन्य सर्च इंजन, जैसे कि बिंग, पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि इस समस्या का समाधान निकाल लिया गया है और अब सभी वेबसाइटें पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि इस अटैक से पहले पिछले साल अक्टूबर में साइबर हमले के कारण कई सरकारी वेबसाइटें ठप हो गई थीं, लेकिन अब आईटीडीए ने ऐसे हमलों से निपटने के लिए बड़ी टीम तैनात की है।
एसईओ पॉइजनिंग अटैक क्या है? एसईओ पॉइजनिंग एक साइबर हमला है, जिसमें हमलावर सर्च इंजन रैंकिंग को प्रभावित करके अपनी मैलिशस (हानिकारक) वेबसाइटों को ऊपर लाते हैं। इसका मकसद होता है यूजर्स को धोखा देकर हानिकारक वेबसाइट पर क्लिक कराना, जिससे यूजर्स मालवेयर डाउनलोड कर सकते हैं या अपनी संवेदनशील जानकारी साझा कर सकते हैं।
हैकर्स ऐसे कीवर्ड चुनते हैं जो उस समय सर्च इंजन में ट्रेंडिंग होते हैं। फिर वे एसईओ तकनीक का उपयोग कर फर्जी वेबसाइट बनाते हैं, ताकि वे गूगल सर्च इंजन में टॉप पर आ सकें। कई बार, हैकर असली वेबसाइट को हैक करके उसमें हानिकारक लिंक डाल देते हैं, जिससे यह तकनीक सर्च इंजन को धोखा देती है।
एसईओ पॉइजनिंग अटैक से रैनसमवेयर, स्पाईवेयर या कीलॉगर्स जैसी खतरनाक स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिनसे लॉगइन जानकारी, बैंकिंग जानकारी और व्यक्तिगत डेटा चोरी हो सकता है। इससे बचने के लिए, कभी भी संदिग्ध या अनजान लिंक पर क्लिक न करें, वेबसाइट के सही यूआरएल को चेक करें, एंटीवायरस और वेब प्रोटेक्शन टूल्स का इस्तेमाल करें और अपने सिस्टम व ब्राउजर को नियमित रूप से अपडेट रखें।
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