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16 अक्टूबर को मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा: खीर बनाकर करें माता लक्ष्मी का पूजन…

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नई दिल्ली: इस साल शरद पूर्णिमा का पावन पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है, और इसे आरोग्य का पर्व भी कहा जाता है। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन शरद पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाता है।

चंद्रमा की अमृत वर्षा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होकर रातभर अपनी किरणों से अमृत वर्षा करता है। यह पर्व शारदीय नवरात्रि के बाद आता है, जिससे इसकी विशेषता और बढ़ जाती है। देश के कई राज्यों में इसे फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जहां किसान अपनी नई फसलों का स्वागत करते हैं।

खीर बनाने की प्रथा

शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने की प्रथा विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस दिन खीर को रातभर चंद्रमा की चांदनी में रखा जाता है। मान्यता है कि इस खीर को चंद्रमा की चांदनी में रखने से यह अमृत के समान हो जाती है, और इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।

पूजन विधि (Sharad Purnima Pujan Vidhi)

शरद पूर्णिमा के दिन पूजा विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान और शुद्धि: सुबह उठकर स्नान करें और घर के मंदिर को साफ करें।
  2. पूजन की तैयारी: एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और माता लक्ष्मी तथा श्री हरि की मूर्ति स्थापित करें।
  3. माता लक्ष्मी का पूजन: इस दिन माता लक्ष्मी के आठ रूपों का पूजन किया जाता है, जिनमें धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, राज लक्ष्मी, वैभव लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, कमला लक्ष्मी, और विजय लक्ष्मी शामिल हैं।

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