देहरादून: उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट की समिति ने राज्य में प्रस्तावित पांच हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्टों पर सहमति जताई है। इन पांच प्रोजेक्टों से कुल 596 मेगावाट बिजली उत्पादन की संभावना है, जो राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।
उत्तराखंड सरकार ने कुल 21 हाइड्रो प्रोजेक्टों के लिए मंजूरी की मांग की थी, जिनकी कुल क्षमता 2123 मेगावाट है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट की समिति ने बावला नंदप्रयाग, देवसारी, भ्यूंडार गंगा, झाला कोटी, और उर्गम द्वितीय प्रोजेक्टों पर सहमति प्रदान की है।
राज्य सरकार का कहना है कि इन प्रोजेक्टों से न केवल राज्य की ऊर्जा आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। हालांकि, पर्यावरणीय और सामाजिक पहलुओं को लेकर कई मुद्दे भी उठाए गए थे, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने ध्यान दिया और इन प्रोजेक्टों को मान्यता दी है।
इस फैसले से उत्तराखंड में हाइड्रो पावर के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाएंगे।