हल्द्वानी – इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गौलापार का औचक निरीक्षण करने पहुंचे विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा को उस वक्त फजीहत का सामना करना पड़ा, जब वह खिलाड़ियों के लिए बने वेटिंग रूम में पहुंचे। यहां वेटिंग रूम में घुप अंधेरा था। पता चला कि यहां लाइट की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा समेत खेल विभाग के सभी आलाधिकारियों ने मोबाइल की टॉर्च जलाई, तब जाकर निरीक्षण हो सका।
इसके बाद अमित सिन्हा ने वेटिंग रूम के पास वाले कमरे का निरीक्षण करने की इच्छा जताई तो यहां दरवाजे पर लॉक लगा हुआ था। समय पर कमरे की चाभी न मिलने पर अमित सिन्हा अन्य जगहों का जायजा लेने के लिए निकल पड़े। इस पूरे घटनाक्रम ने खेल विभाग की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। बता दें कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के मद्देनजर गौलापार स्टेडियम में स्विमिंग, खो-खो, फुटबॉल, वुशु खेलों के प्रशिक्षण कैंप आयोजित होने हैं। इसके मद्देनजर निर्माण कार्यों और खिलाड़ियों के रुकने की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए अमित सिन्हा निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। उन्होंने स्विमिंग पूल, डाइविंग पूल, वार्मअप पूल, फुटबॉल ग्राउंड आदि का निरीक्षण किया। साथ ही जिला क्रीड़ा अधिकारी को अपूर्ण, गतिमान और प्रस्तावित कार्यों को लेकर दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह, सहायक निदेशक रसिका सिद्दीकी, जिला क्रीड़ा अधिकारी वरुण बेलवाल, त्रिलोक जीना, किशोर पाल, महेश बिष्ट आदि मौजूद रहे।
रशिका सिद्दीकी, सहायक निदेशक, खेल ने कहा कि यहां लो वोल्टेज की दिक्कत आती है। इस समस्या को दूर करने के लिए जल्द ही मैं ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता से मिलूंगी। सोलर लाइट लगाने के लिए विशेष प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए हैं। जल्द ही सोलर लाइट लगाई जाएंगी।
सचिव अमित सिन्हा ने स्विमिंग पूल को ऑलवेदर बनाने के निर्देश दिए। साथ ही यहां दो कोच और चार लाइफगार्ड तैनात करने की स्वीकृति दी। उन्होंने एक जून तक स्वीमिंग पूल और आठ जून तक डायविंग पूल का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। वहीं, राष्ट्रीय खेलों के मद्देनजर जून प्रथम सप्ताह से प्रशिक्षण कैंप शुरू हो सकते हैं। सिन्हा ने कहा कि सभी कोच बच्चों को आधुनिकतम, वैज्ञानिक और क्रमबद्ध प्रशिक्षण दें जिससे खिलाड़ी राष्ट्रीय खेलों में पदक प्राप्त कर सकें। उन्होंने राष्ट्रीय खेल की तैयारियों के लिए खेल सामग्री की जरूरत होने पर इसका एक मांगपत्र और आख्या तत्काल निदेशालय भेजने को कहा।