Dehradun

नए बजट से सशक्त विकास की होगी शुरुआत , सरकार ने इन गेम चेंजर योजनाओं पर दिया जोर….

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देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने अपनी आगामी योजनाओं में 24 विभागों की ‘गेम चेंजर’ योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया है। इन योजनाओं को लेकर सरकार ने आगामी बजट में महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं, जिससे राज्य के विकास में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इन योजनाओं का जिक्र किया गया है और माना जा रहा है कि इनका प्रभाव अगले दो वर्षों में राज्य में धरातल पर दिखाई देगा। यह योजनाएं उत्तराखंड राज्य की ‘सशक्त उत्तराखंड@25’ परिकल्पना को साकार करने में मदद करेंगी।

विभागों और योजनाओं की प्रमुख बातें:

  1. कृषि विभाग:
    • ई-रूपी योजना: डिजिटल भुगतान, सुरक्षा प्रणाली, और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट।
  2. बदरी (केदार मंदिर समिति):
    • शीतकालीन चारधाम यात्रा योजना: प्रमुख फिल्मी हस्तियों और खिलाड़ियों से संपर्क कर उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा।
  3. पशुपालन:
    • वाइब्रेंट विलेज योजना: स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट।
    • ग्राम्य गो सेवक योजना: 54 गो सेवकों को मान्यता देने का लक्ष्य।
  4. सगंध पौध केंद्र (महक क्रांति योजना):
    • 118 करोड़ रुपये का बजट, एरोमा वैली की स्थापना और सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा।
  5. मत्स्य विभाग:
    • प्लॉट फार्मिंग योजना: राज्य स्तरीय एकीकृत एक्वा पार्क का निर्माण।
  6. उद्यान विभाग:
    • एप्पल मिशन और नाबार्ड की आरआईडीएफ योजना के तहत क्लस्टर पॉलीहाउस की स्थापना।
  7. वन विभाग:
    • इको-टूरिज्म और हर्बल परियोजना: हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर को छोड़कर अन्य जिलों में योजनाओं का विस्तार।
  8. ग्राम्य विकास:
    • हाउस ऑफ हिमालयाज योजना: 10 करोड़ रुपये का बजट, मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के लिए भी 10 करोड़ का प्रावधान।
  9. शहरी विकास:
    • 100 नए पार्कों का निर्माण, 275 करोड़ रुपये से स्ट्रीट लाइट मैनेजमेंट।
  10. स्वास्थ्य:
    • दूरस्थ क्षेत्रों के लिए विशेषज्ञ परामर्श और आत्मनिर्भर मेडिसिटी का विकास।
  11. परिवहन:
    • ई-बस सेवा और ई-चार्जिंग स्टेशन: चारधाम यात्रा मार्ग पर 28 चार्जिंग स्टेशन, कुल 70 चार्जिंग स्टेशन की स्थापना।
  12. कौशल विकास:
    • मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान, नियोक्ता और नौकरी वालों के लिए एकीकृत पोर्टल योजना।

 

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