Dehradun
मूल निवास और भू-कानून को लेकर संघर्ष समिति का विधानसभा सत्र में हंगामा , सरकार से वादे पूरे करने की करीं अपील….
देहरादून : मूल निवास और भू-कानून को लेकर संघर्ष समिति ने आज विधानसभा में हंगामा किया। इस दौरान समिति के संयोजक मोहित डिमरी और उनकी टीम विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने रिस्पना के निकट बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। संघर्ष समिति ने कहा कि वे मुख्यमंत्री और मंत्रियों से मिलकर इन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। समिति ने चेतावनी दी कि यदि इन मुद्दों पर सरकार ने काम नहीं किया तो आर-पार की लड़ाई शुरू की जाएगी।
संघर्ष समिति ने इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट को भू-कानून का ड्राफ्ट और भाजपा के 2022 के दृष्टिपत्र को सौंपा। मोहित डिमरी ने कहा कि विधानसभा सत्र में मूल निवास पर चर्चा की जाए और भू-कानून जनपक्षीय हो, क्योंकि अगर भू-माफिया के पक्ष में कानून बनेगा तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने यूसीसी के तहत एक साल के स्थाई निवास और लिव इन रिलेशनशिप के प्रावधान का भी विरोध किया।
मोहित डिमरी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा सत्र में विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन-भत्तों और पेंशन में वृद्धि की जा रही है, जबकि जनता के मुद्दों पर सरकार काम नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि उपनल और आउटसोर्स कर्मचारियों की मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है, वहीं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। आशा, आंगनबाड़ी और भोजनमाताएं भी अपनी मानदेय बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
डिमरी ने भाजपा के 2022 के दृष्टिपत्र का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी ने चुनावी वादों में कई लुभावने वादे किए थे, लेकिन आज तक 90 प्रतिशत वादे पूरे नहीं हुए। इनमें बेरोजगार युवाओं को मुख्यमंत्री प्रशिक्षु योजना के तहत तीन हजार रुपये देने का वादा, पीएम किसान सम्मान निधि की तर्ज पर सीएम किसान प्रोत्साहन निधि की घोषणा और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना जैसी योजनाएं शामिल थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की घोषणाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई हैं और धरातल पर कोई काम नहीं हुआ।
इसके साथ ही मोहित डिमरी ने दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड के लोगों को मुफ्त बिजली और पानी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली उत्पादन होने के बावजूद लोगों को महंगी दरों पर बिजली दी जा रही है और पानी के बिल के लिए भी मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने उत्तराखंड की महिलाओं के लिए दिल्ली की महिला समृद्धि योजना की तर्ज पर 2500 रुपये देने का वादा भी किया।