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उत्तराखंड की झांकी ने राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में दिखाई सांस्कृतिक विरासत , द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित….

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नई दिल्ली : राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में आयोजित प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों के कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेशों की सांस्कृतिक धरोहर और नृत्य पर आधारित शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड राज्य ने बेस्ट द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।

उत्तराखंड के कलाकारों ने इस प्रतियोगिता में “प्रसिद्ध जागर गायन एवं लोकनृत्य छपेली” कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसे भारत सरकार द्वारा गठित समिति ने बहुत सराहा और इसे पुरस्कार के लिए चयनित किया। यह उत्तराखंड के कलाकारों के लिए दूसरा बड़ा सम्मान है, इससे पहले 2018 में भी उन्होंने तृतीय स्थान का पुरस्कार प्राप्त किया था।

इस प्रतियोगिता में प्रत्येक दल को केवल 3:30 मिनट का समय दिया जाता है, और इस सीमित समय में लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत करना होता है। उत्तराखंड राज्य के कलाकारों ने कठिन अभ्यास के बाद यह उपलब्धि हासिल की। सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं टीम लीडर के.एस. चौहान के नेतृत्व में 16 कलाकारों का दल गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड राज्य की झांकी प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।

क चौहान ने बताया कि इस पुरस्कार ने कलाकारों में जोश भर दिया है और अब वे 26 जनवरी के बाद राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और जनजातीय मंत्री के समक्ष भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

गणतंत्र दिवस परेड में इस वर्ष उत्तराखंड राज्य की झांकी “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” की थीम पर आधारित होगी, जो प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और साहसिक खेलों को प्रदर्शित करेगी। उत्तराखंड के कलाकारों के इस अद्वितीय प्रयास ने प्रदेश को एक नई पहचान दिलाई है।

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