नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश के पालिका और पंचायत चुनावों में दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार से छह सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
किच्छा निवासी नईम उल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि नगर पालिका एक्ट संशोधन अधिनियम 2003 की धारा 3 के तहत 2003 के बाद दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को नगर पालिका चुनाव में भाग लेने से रोका जा रहा है, जबकि पंचायत चुनाव में 27 सितंबर 2019 के बाद यह नियम लागू किया गया था। याचिका में यह भी कहा गया कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पहले चुनाव लड़ सकते थे, लेकिन अब इन गांवों को नगर पालिका में मिलाने के बाद वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रहे, जो उनके साथ अन्याय है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि इस तरह के दोहरे नियमों के कारण नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है, क्योंकि नगर निकायों का विस्तार ग्राम पंचायतों से ही होता है और राज्य में एक ही तरह के नियम होने चाहिए। हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है और इसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी।