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दिल्ली में इस चौक का नाम बदल कर रखा गया बिरसा मुंडा चौक , ग्रह मंत्री अमित शाह ने किया ऐलान….

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दिल्ली: दिल्ली के प्रमुख सराय काले खां चौक का नाम बदलकर अब बिरसा मुंडा चौक कर दिया गया है। यह ऐतिहासिक निर्णय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा साझा किया गया। अब इस चौक को भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा। यह कदम भारत के आदिवासी समुदाय के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को सम्मानित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इस ऐतिहासिक फैसले के साथ ही दिल्ली में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जनजाति गौरव दिवस मनाया जा रहा है। आज 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर पूरे देश में उनके योगदान को याद किया जा रहा है, खासकर झारखंड में जहां उन्हें धरती आबा (पृथ्वी के भगवान) के रूप में पूजा जाता है।

कौन हैं बिरसा मुंडा?

बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को रांची जिले के उलीहातू गांव में हुआ था, जो अब खूंटी जिले का हिस्सा है। वह एक आदिवासी परिवार से थे, और उनके पिता का नाम सुगना मुंडा और मां का नाम करमी मुंडा था। बिरसा मुंडा की प्रारंभिक शिक्षा मिशनरी स्कूल में हुई थी, जहां उन्होंने भारतीयों पर हो रहे अंग्रेजों के जुल्मों को नजदीक से देखा। इसके बाद उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई और स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया।

बिरसा मुंडा का संघर्ष झारखंड के आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लगान माफी आंदोलन शुरू किया, और 1895 में उन्हें गिरफ्तार कर हजारीबाग जेल भेज दिया गया। उनके संघर्ष के चलते 1897 से 1900 तक अंग्रेजों और मुंडा समुदाय के बीच लगातार युद्ध होते रहे।

बिरसा मुंडा का योगदान

बिरसा मुंडा ने सिर्फ आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठाई, बल्कि अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी वीरता और संघर्ष के कारण उन्हें धरती आबा के नाम से सम्मानित किया जाता है। उन्होंने समाज में धार्मिक सुधार, आर्थिक न्याय और राजनीतिक स्वतंत्रता की दिशा में भी अहम कदम उठाए।

आज उनकी 150वीं जयंती के अवसर पर दिल्ली में उनके सम्मान में सराय काले खां चौक का नाम बिरसा मुंडा चौक रखे जाने से उनके योगदान को और अधिक सराहा जाएगा।

 

 

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