Dehradun

राज्य का पहला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र, डीएम ने मैनपॉवर और बजट की दी मंजूरी

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देहरादून, 17 अगस्त 2025 (सूवि): जिलाधिकारी सचिन बसंल की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट स्थित ऋषिपर्णा सभागार में राजकीय जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) संचालन मण्डल की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चिकित्सालय से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर विचार करते हुए सभी को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सरकारी अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने की बात कही, ताकि आम जनता को महंगे निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए मजबूर न होना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु प्रतिबद्ध है और मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं के अनुरूप सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट अस्पतालों से कमतर नहीं होने दिया जाएगा।

सुविधाओं में बढ़ोतरी
जिलाधिकारी ने बैठक में एसएनसीयू (Special Newborn Care Unit) के लिए 6 अतिरिक्त बैड, एक्स-रे मशीन, फोटोथेरेपी उपकरण और डिफिब्रिलेटर जनरेटर की स्वीकृति दी। इसके साथ ही ऑटोमेटेड पार्किंग, महिला हिलांस कैंटीन, और ब्लड बैंक के लिए नई व्यवस्था भी स्वीकृत की गई। चिकित्सालय में सुरक्षा के दृष्टिकोण से भूतपूर्व सैनिक गार्ड तैनात करने का भी निर्णय लिया गया।

उन्होंने चिकित्सालय में पुराने टीनशेड को हटाकर नई ऑटोमेटेड पार्किंग की संभावनाओं को लेकर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

दिव्यांग पुनर्वास केंद्र का निर्माण
बैठक में एक और अहम फैसला लिया गया। जिलाधिकारी ने गांधी शताब्दी चिकित्सालय में बनाए जा रहे दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र (DDRC) का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। यह केंद्र राज्य का पहला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र होगा, जहां दिव्यांगजन को प्रमाणपत्र, फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक परामर्श, कृत्रिम अंग, और श्रवण यंत्र जैसी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी।

इसके अतिरिक्त, इस केंद्र में दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण जैसे व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल, और श्रवण यंत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। केंद्र में व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वरोजगार योजनाओं के जरिए दिव्यांगजन को आत्मनिर्भर बनाने का भी प्रयास किया जाएगा।

बैठक में की गई अन्य चर्चा
बैठक में लेड अप्रोन स्टैंड, अल्ट्रासाउंड जैली, पेशेंट एक्सामिनेशन कोच, सीटी स्कैन मशीन, व्हीलचेयर, ड्रेसिंग ड्रम, सर्जिकल उपकरण, एसी, बेबी रेडियेट वार्मर, और एन्डोस्कोपी सिस्टम कैमरा जैसी महत्वपूर्ण सामग्रियों की व्यवस्था की जानकारी दी गई।

बैठक में यह भी बताया गया कि एसएनसीयू में अब तक 286 बच्चे भर्ती हुए हैं, जिनमें से 287 बच्चे डिस्चार्ज किए गए और 21 बच्चों को रेफर किया गया। जिलाधिकारी ने रेफर किए गए बच्चों की स्थिति पर भी ध्यान दिया और चिकित्सकों से तुरंत सभी आवश्यक सुविधाओं का प्रस्ताव देने के निर्देश दिए।

सर्वसमावेशक दृष्टिकोण
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और जनकल्याण के लिए जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है। उन्होंने बैठक में दी गई सभी रिपोर्टों का पुनः निरीक्षण करने के निर्देश दिए और स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, प्रभारी अधिकारी स्वास्थ्य विभाग उप जिलाधिकारी हरिगिरि, सीएमएस डॉ. मन्नु जैन, डॉ. जेपी नौटियाल, मुख्य कोषाधिकारी नीतू भंडारी, डॉ. शालिनी डिमरी, डॉ. नीतू तोमर, प्रमोद कुमार, राजीव सब्बरवाल, इन्दू शर्मा, सुशिला पंवार, और राजेश आरती सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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