Uttarakhand

बाघ का आतंक: ग्रामीणों में आक्रोश; वन कर्मियों की निगरानी में जाएंगे आएंगे बच्चें स्कूल।

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रामनगर – बाघ के हमले में पटरानी कारगिल की महिला की मौत के बाद बृहस्पतिवार को क्षेत्र के ग्रामीणों ने बैठक में वन्यजीवों के बढ़ते हमलों पर चिंता जताई। बैठक में आज हमलावर बाघ के नहीं पकड़े जाने पर नौ दिसंबर को ढेला पयर्टन गेट को बंद करने का ऐलान किया गया।

कारगिल पटरानी में बाघ के आतंक से लोग दहशत में हैं। किसान संघर्ष समिति और जन अधिकार संगठन के सदस्यों ने मृतक अनीता देवी के घर पहुंचकर बैठक की। बैठक में सभी ग्रामीणों ने मृतका के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग उठाई। कांग्रेस नेता किशोरी लाल ने कहा कि परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया जाएगा। तय हुआ कि शुक्रवार तक बाघ नहीं पकड़ा गया तो नौ दिसंबर से कॉर्बेट नेशनल पार्क का ढेला गेट बंद किया जाएगा।

पटरानी कारगिल से ढेला इंटर कॉलेज में पढ़ने आने वाले बच्चे अब वनकर्मियों के साथ आएंगे और जाएंगे। विभाग ने क्षेत्र में गश्त को बढ़ाने के साथ मृतका के परिजनों को एक लाख 30 हजार रुपये प्राथमिक मुआवजा दिया।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला रेंजर अजय कुमार ध्यानी ने बताया कि पूरा मुआवजा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर दिया जाएगा। पोस्टमार्टम कराने के बाद अनीता निवासी पटरानी कारगिल का शव परिजनों को सौंप दिया। विभाग ने क्षेत्र में बाइक और पैदल न जाने की हिदायत दी है। वनकर्मियों को भी समूह में गश्त करने के निर्देश दिए हैं। ढेला इंटर कॉलेज के शिक्षक नवेंदु मठपाल ने बताया कि उनके विद्यालय में पटरानी से 116 बच्चे स्कूल आते हैं। बृहस्पतिवार को बाघ के हमले की घटना के बाद केवल पांच बच्चे ही स्कूल आए हैं। मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के बीच बच्चों की सुरक्षा जरूरी है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. धीरज पांडेय ने बताया कि वनकर्मियों से बच्चों के स्कूल आने-जाने के समय सुरक्षा के साथ छोड़ने के निर्देश दिए हैं।

वन दरोगा किशन भगत ने बताया कि बृहस्पतिवार को तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया है। शिमाला में 10 कैमरे लगाने के साथ गश्त कर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।

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