अल्मोड़ा : भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज सुबह साढ़े दस बजे क्वारब की पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण एनएच बंद हो गया। मलबा गिरने से मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रुक गई, जिससे सड़क के दोनों ओर लंबी कतारें लग गईं। इस कारण अल्मोड़ा, बागेश्वर और हल्द्वानी की ओर जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सड़क पर बढ़ी सुरक्षा चिंता
क्वारब क्षेत्र में पहाड़ी दरकने के कारण मलबा रुक-रुककर गिरता जा रहा है, जिससे सड़क संकरी हो गई है। कई स्थानों पर सड़क का हिस्सा टूटने से मार्ग और भी संकरा हो गया है। इस बीच, अल्मोड़ा की तरफ जाने वाले छोटे वाहन काकड़ीघाट, बेड़गांव होते हुए चौसली की तरफ 26 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय कर रहे हैं। वहीं, हल्द्वानी से अल्मोड़ा आ रहे वाहनों को खैरना पुलिस ने रानीखेत होते हुए भेजा है, जिससे यात्रियों को 50 किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है।
तीन जिलों की दस लाख आबादी प्रभावित
क्वारब में लगातार हो रहे भू-धंसाव से अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों की लगभग दस लाख से अधिक आबादी प्रभावित हो रही है। यहां लगातार पहाड़ी दरक रही हैं और सड़क पर मलबा गिरने से यातायात अवरुद्ध हो रहा है। सामान्यत: हल्द्वानी से बागेश्वर पहुंचने में छह घंटे का समय लगता था, लेकिन अब क्वारब में मलबा गिरने से यह समय बढ़कर आठ घंटे हो गया है। मार्ग बंद होने पर रानीखेत रूट से जाने पर समय और बढ़ रहा है, जिससे यात्रियों को कठिनाइयां हो रही हैं।
क्वारब के लोग हो रहे हैं मानसिक रूप से प्रभावित
क्वारब में दरकती पहाड़ी और तेज आंधी-तूफान के बीच गिरते बोल्डर की आवाज से लोग सहम जाते हैं। हल्की सी सरसराहट भी स्थानीय लोगों के मन में डर पैदा कर देती है। खासकर रात में लोग चैन की नींद नहीं ले पा रहे हैं और अनहोनी की चिंता सता रही है।
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स्थानीय व्यापारियों पर असर
क्वारब पर व्यापारियों की रोजी-रोटी भी प्रभावित हो रही है। पूर्व में, अल्मोड़ा से हल्द्वानी और हल्द्वानी से अल्मोड़ा की ओर आने जाने वाले लगभग 70-80 वाहन क्वारब पर रुकते थे, जहां यात्री और पर्यटक स्थानीय दुकानों में चाय, नाश्ता और भोजन करते थे। लेकिन अब पहाड़ी दरकने के कारण कोई भी वाहन क्वारब पर नहीं रुक रहा है, जिससे स्थानीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।