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साथी को गांव सुरक्षित पहुंचाया, लेकिन खुद नहीं लौट सके घर; परिजनों का इंतजार हुआ अंतिम !

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पिथौरागढ़ – दौला के अनिल नगरकोटी, कैलाश कापड़ी और मखौलीगांव के महेंद्र नगरकोटी ने अपने साथी को उसके गांव पाभैं सुरक्षित पहुंचाया, लेकिन तीनों अपने घर नहीं पहुंच सके। साथी को छोड़कर वापस लौट रहे तीनों पर मौत झपट पड़ी और वे काल के गाल में समा गए।

जानकारी के मुताबिक अनिल, कैलाश और महेंद्र सोमवार सुबह नैनीसैनी सड़क पर मखौलीगांव में एक दुकान में मिले। इसी बीच पाभैं निवासी उनका चौथा साथी भी घर जाने के लिए वहां पहुंचा। चारों कार से पाभैं के लिए रवाना हुए। चारों को यह मालूम नहीं था कि वे अब अंतिम बार एक-दूसरे से मिल रहे हैं। तीनों ने अपने साथी को सुरक्षित गांव छोड़ा लेकिन वे अपने घर सुरक्षित नहीं पहुंच सके। साथी के गांव से कुछ दूरी पर ही तीनों पर मौत झपटी और उनकी कार खाई में समा गई। तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर चौथा साथी भी सदमे में है।

दौला के अनिल नगरकोटी अपनी पत्नी और सात साल की बेटी से जल्द लौटने की बात कर घर से निकले थे। वहीं कैलाश कापड़ी ने भी अपनी दो बेटियों और पत्नी से कुछ देर में घर लौटने की बात कही। महेंद्र के साथ ही अनिल और कैलाश के परिजन उनके जल्द घर लौटने का इंतजार कर रहे थे लेकिन घर से निकलने के कुछ देर बाद ही उनकी मौत की खबर मिली। तीनों की मौत से परिजनों में कोहराम है।

पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया और परिजनों को घटना की सूचना दी। घटना की जानकारी मिलते ही तीनों मृतकों के गांव के लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। इस दौरान यहां लोगों की भीड़ जुटी रही। वहीं परिजन भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर अपनों के शवों को देख बिलख पड़े। ग्रामीणों ने किसी तरह उन्हें संभाला।

 

 

 

 

 

 

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