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स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में स्वास्थ्य कार्यकत्राओं ने 10720 घरों का दौरा कर डायरिया रोकथाम के बारे में किया जागरूक।

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रुद्रप्रयाग – स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में 01 अगस्त से शुरू हुए ’सघन डायरिया नियंत्रण अभियान’ के तहत के तहत स्वास्थ्य कार्यकत्राओं द्वारा 10720 घरों का दौरा कर डायरिया रोकथाम के बारे में जागरूक किया गया। वहीं, शनिवार को सीएचसी अगस्त्यमुनि की टीम द्वारा आंगनबाड़ी नकोट में डायरिया रोकथाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 विमल सिंह गुसाईं ने बताया कि शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। कहा कि डायरिया से बचाव हेतु आशा कार्यकत्री के माध्यम से शून्य से पांच वर्ष तक के शिशु वाले घर में आशा कार्यकत्री के माध्यम से एक-एक ओआरएस का पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही जनपद में 128 चिकित्सा इकाईयों में निःशुल्क ओआरएस पैकेट व जिंक दवा के वितरण हेतु जिंक ओआरएस कार्नर की स्थापना की गई है।

उन्होंने बताया कि डायरिया रोकथाम अभियान के तहत आशा कार्यकत्रियों द्वारा अब तक ब्लाक अगस्त्यमुनि में 9840, जखोली में 460 व ऊखीमठ में 420 घरों सहित कुल 10720 घरों का दौरा किया गया है। साथ ही आरबीएसके टीमों द्वारा अब तक 15 विद्यालय व आंगनबाड़ियों में  हैंडवॉस तकनीक का प्रदर्शन कर छात्रों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।

उधर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि की टीम द्वारा आंगनबाड़ी नकोट में ओआरएस पैकेट का वितरण किया गया। ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक मुदित मैठाणी, ब्लाक समन्वयक आशा कार्यक्रम रचना भट्ट ने कहा कि जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए के लिए डायरिया नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। बताया कि डायरिया के दौरान दस्त होने से पीडित के शरीर में  मिनरल्स व इलेक्ट्रोलाइट्स की हानि हो जाती है, जिससे उसके शरीर में गंभीर रूप से पानी की कमी हो जाती है व इस स्थिति से निपटने के लिए ओआरएस का घोल पिलाया जाता है। उन्होंने ओआरएस घोल बनाने की विधि व जिंक की खुराक और उसके अनुपालन के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

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