उत्तराखंड : उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की वित्तीय स्थिति पर खतरे की घंटी बज चुकी है। बिजली बिलों के बकाये ने कंपनी की समग्र राजस्व आवश्यकताओं (ARR) का 20% से ज्यादा हिस्सा जकड़ लिया है। बीते पांच वर्षों में बकाया राशि 513 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है, जिससे उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने गहरी चिंता जताई है।
आयोग ने यूपीसीएल को एक माह के भीतर ठोस एक्शन प्लान पेश करने का निर्देश दिया है, जिससे बकाया वसूली की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
आंकड़ों पर नज़र डालें तो वर्ष 2024-25 के लिए यूपीसीएल का एआरआर 10,690.03 करोड़ रुपये तय किया गया था। इसके मुकाबले उपभोक्ताओं पर कुल 2,157.62 करोड़ रुपये की बकायेदारी दर्ज की गई, जो कुल एआरआर का 20.18 प्रतिशत है।