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उत्तराखंड: मानसून से पहले प्रशासन हाई अलर्ट पर, आपदा प्रबंधन ने कसी कमर
नैनीताल: उत्तराखंड में मानसून का मौसम एक बार फिर आपदा बनकर सिर पर मंडरा रहा है। हर साल की तरह इस बार भी नैनीताल जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए पहले से ही व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं…ताकि भारी बारिश और उससे जुड़ी संभावित आपदाओं से समय रहते निपटा जा सके।
अपर जिलाधिकारी विवेक राय ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने मिलकर 24 घंटे सक्रिय रहने वाला कंट्रोल रूम स्थापित किया है। यह कंट्रोल रूम किसी भी आपात स्थिति में त्वरित मदद और सूचना के आदान-प्रदान में अहम भूमिका निभाएगा।
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील नदी किनारे के क्षेत्रों में विशेष बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। इन चौकियों पर पुलिस, प्रशासन और आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती कर दी गई है…ताकि किसी भी अप्रिय घटना से समय रहते निपटा जा सके।
प्रशासन ने केवल कागजी तैयारियों तक सीमित न रहते हुए ज़मीनी स्तर पर भी काम शुरू कर दिया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने जिले के 10 से अधिक भूस्खलन संभावित स्थानों पर जेसीबी मशीनों को पहले से ही तैनात कर दिया है…जिससे बारिश के दौरान मलबा आने पर रास्तों को तुरंत खोला जा सके।
अपर जिलाधिकारी राय ने यह भी कहा कि मानसून सीजन में नैनीताल घूमने आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। “हमारा उद्देश्य है कि पर्यटकों की यात्रा ना सिर्फ सुरक्षित हो, बल्कि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा भी ना हो उन्होंने बताया।
हर साल भारी बारिश के चलते नैनीताल और आसपास के कई मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं…लेकिन इस बार प्रशासन ने पहले से ही मार्गों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए रणनीति बना ली है।
मानसून की दस्तक से पहले नैनीताल प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। आपदा को लेकर कोई कोताही न हो, इसके लिए हर विभाग को अलर्ट पर रखा गया है…ताकि प्राकृतिक आपदा को टाला तो न जा सके…लेकिन उसकी मार से जान-माल को बचाया जा सके।
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