Dehradun

उत्तराखंड: ज्योर्तिमठ में सुरक्षात्मक कार्यों के लिए 700 करोड़ की डीपीआर तैयार, 1658 करोड़ का बजट मंजूर…

Published

on

देहरादून: लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और सिंचाई विभाग ने ज्योर्तिमठ में भूधंसाव और अन्य समस्याओं को लेकर सुरक्षात्मक कार्यों के लिए 700 करोड़ रुपये की Detailed Project Report (डीपीआर) तैयार कर दी है। इसके अलावा, पेयजल निर्माण विभाग भी ड्रेनेज सिस्टम और अन्य कार्यों के लिए डीपीआर तैयार कर रहा है, जो जल्द ही तैयार हो जाएगा। शासन ने इन तैयार डीपीआर को तकनीकी आकलन समिति (टीएसी) को भेजने का निर्णय लिया है।

ज्योर्तिमठ में भूधंसाव की समस्या:
ज्योर्तिमठ में पिछले कुछ समय से भूधंसाव और भूस्खलन की समस्याएं आ रही थीं, जिसके बाद राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों को सुरक्षात्मक उपायों के लिए जिम्मेदारी सौंप दी थी। इन कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, पेयजल विभाग सहित अन्य विभाग सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। अब इन विभागों की डीपीआर तैयार हो चुकी है और यह शासन में पहुंच चुकी है। लोक निर्माण विभाग ने कुल 600 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है, जिसे अब तकनीकी आकलन समिति के पास भेजा जाएगा।

स्लोप स्टेबलाइजेशन और अन्य सुरक्षात्मक कार्य:
लोक निर्माण विभाग ने भूधंसाव की समस्या को लेकर स्लोप स्टेबलाइजेशन (ढलान स्थिरीकरण) कार्य की योजना बनाई है। इसके तहत आईआईटी रुड़की के सहयोग से योजना तैयार की गई है। प्रभावित क्षेत्र में कुल 12 साइटों का चयन किया गया है, जिनमें से 8 साइटों को क्रिटिकल माना गया है। इन आठ साइटों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा। स्लोप स्टेबलाइजेशन का उद्देश्य भूमि के भार सहने की क्षमता को बढ़ाना है, ताकि भारी दबाव पड़ने पर भूधंसाव की समस्या न हो।

सिंचाई विभाग ने भी अलकनंदा नदी में कटाव को रोकने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत नदी के कटाव वाले क्षेत्रों में सुरक्षा कार्य किए जाएंगे।

ज्योर्तिमठ के सुरक्षात्मक कार्यों के लिए 1658 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। इसमें केंद्र सरकार का योगदान 1079 करोड़ रुपये, राज्य सरकार का योगदान 451.80 करोड़ रुपये और एसडीआरएफ (आपदा राहत निधि) से 126.41 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह बजट क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए खर्च किया जाएगा।

आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव, विनोद कुमार सुमन ने कहा, “लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग की डीपीआर मिल गई है और अब इसे तकनीकी आकलन समिति (टीएसी) के लिए भेजा जा रहा है। पेयजल विभाग ड्रेनेज और अन्य कार्यों के लिए डीपीआर तैयार कर रहा है, और उम्मीद है कि यह जल्द ही पूरा हो जाएगा।

 

Advertisement

 

 

 

 

 

 

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version