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उत्तराखंड: बलिदानियों के परिवारों को मिलेगा 50 लाख रुपये, न्याय विभाग ने दी हरी झंडी…

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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस पर सैनिकों के आश्रितों के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी, जिसे अब न्याय विभाग से मंजूरी मिल गई है। यह प्रस्ताव अब वित्त विभाग को सहमति के लिए भेजा जा रहा है।

सैनिकों की बहुलता वाले इस प्रदेश से औसतन हर महीने एक सैनिक ने बलिदान दिया है। राज्य गठन के बाद से पिछले 24 वर्षों में 403 सैनिकों ने अपनी जान देश के लिए दी है। वर्तमान में, सरकार बलिदान देने वाले सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख रुपये की सहायता प्रदान कर रही है, जिसे बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है।

न्याय विभाग से मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से इस मामले पर न्याय विभाग में विचार-विमर्श जारी था। अमर उजाला द्वारा 24 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित एक खबर में बलिदानी आश्रितों के लिए मामले की देरी पर सवाल उठाए जाने के बाद, न्याय विभाग से अब इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

उत्तराखंड के बलिदानी सैनिकों का रिकॉर्ड

उत्तराखंड के 1679 सैनिक देश की रक्षा में अपनी जान दे चुके हैं। 1962 के भारत-चीन युद्ध में 245 सैनिकों ने बलिदान दिया, जबकि 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में 217 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

सचिव सैनिक कल्याण, दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद न्याय विभाग से परामर्श मिल चुका है, और अब फाइल वित्त विभाग को भेजी जा रही है। यह सहायता बलिदान देने वाले सैनिकों के परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

 

 

 

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