Dehradun
उत्तराखंड: राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी से तैयार होगा खेल ढांचा, पलायन रोकने में मिलेगी मदद !
देहरादून: द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित कोच सुभाष राणा ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी उत्तराखंड के लिए किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन से राज्य में खेलों के लिए एक मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार होगा, जिससे प्रदेश के खिलाड़ी अब प्रशिक्षण के लिए बाहर जाने की बजाय घर पर ही उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
राणा ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खिलाड़ियों के पलायन को रोकने में मदद करेगा और यह प्रदेश के खेल क्षेत्र को नई दिशा देगा। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों और आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।
द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलने पर सुभाष राणा ने खुशी व्यक्त की और कहा कि जब आपके काम को मान्यता मिलती है, तो यह उत्साह को और बढ़ाता है। उन्होंने यह भी बताया कि अब कई खिलाड़ी अन्य प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के बजाय उत्तराखंड से खेलना चाहते हैं और वे उनसे इस दिशा में मार्गदर्शन के लिए संपर्क कर रहे हैं।
उपलब्धियां:
- सुभाष राणा ने चार अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण और दो रजत पदक प्राप्त किए हैं।
- वर्ष 1994 में इटली और 1998 में स्पेन में आयोजित विश्व शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लिया।
- कोच के रूप में वर्ष 2020 में टोक्यो पैरालंपिक में भारत की शूटिंग टीम को प्रशिक्षित किया, जिसने पांच मेडल जीते।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रतिक्रिया: मुख्यमंत्री ने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए सुभाष राणा को हार्दिक बधाई दी और कहा कि उत्तराखंड खेल क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने अपील की कि सभी खिलाड़ी और कोच राष्ट्रीय खेलों में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें, ताकि राज्य और देश का नाम रोशन किया जा सके।