Dehradun
UTTARAKHAND: स्वच्छता में सुधार करेंगे तो अधिकारी पाएंगे पदोन्नति, जिम्मेदारी बढ़ी…
देहरादून: स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में अच्छी रैंकिंग हासिल करने के लिए अब नगर निगमों के आयुक्तों, नगर पालिका और पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इस बार के सर्वेक्षण की थीम “रि-साईकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज” (Triple R) है, जिसका उद्देश्य कचरे के पुन: उपयोग, रिसायकलिंग और निस्तारण पर जोर देना है। सर्वेक्षण में जिन निकायों की रैंकिंग बेहतर होगी, उनके अधिकारियों को अपनी वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (एसीआर) में लाभ मिलेगा, जिससे उनकी पदोन्नति की राह आसान हो सकती है।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में जिन नगर निगमों और नगर पालिकाओं की रैंकिंग बेहतर होगी, उन निकायों के अधिकारियों और कर्मचारियों की एसीआर में भी सकारात्मक असर पड़ेगा। इससे अधिकारियों को और अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। शहरी विकास निदेशक, नितिका खंडेलवाल ने बताया कि, इस पहल का उद्देश्य अधिकारियों को स्वच्छता तंत्र में सुधार के लिए प्रेरित करना है, ताकि वे अधिक मेहनत से काम करें।
पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्तराखंड के शहरी निकायों का प्रदर्शन औसत था। केवल देहरादून नगर निगम ने 68वीं रैंक के साथ देश के शीर्ष-100 में जगह बनाई। इसके बाद हरिद्वार नगर निगम की रैंक 176, रुड़की की 180, हल्द्वानी की 211, ऋषिकेश की 304, कोटद्वार की 305, काशीपुर की 348 और रुद्रपुर की 417 रही।
इस बार के सर्वेक्षण में कॉलोनियों के बैकलेन यानी घरों के पीछे वाली गलियों की सफाई को भी अहम माना जा रहा है। यदि इन स्थानों की सफाई ठीक से नहीं हुई, तो निकाय की रैंकिंग पर असर पड़ सकता है। अधिकारियों को अब इस ओर भी ध्यान देना होगा, ताकि रैंकिंग में सुधार हो सके और नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।
स्वच्छता रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन करने से अधिकारियों को उनकी पदोन्नति में भी मदद मिल सकती है। शहरी विकास निदेशक नितिका खंडेलवाल ने इस योजना को लागू करने के पीछे का उद्देश्य यह बताया कि इससे अधिकारियों को स्वच्छता पर ज्यादा ध्यान देने के लिए प्रेरणा मिलेगी।