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उत्तराखंड: बेसहारा बच्चों की देखभाल के लिए एकीकृत पोर्टल, 15 अप्रैल तक होगा तैयार…

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देहरादून: महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण विभाग ने राज्य में विभिन्न कारणों से पीड़ित और बेसहारा बच्चों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने इन बच्चों की जानकारी को एक जगह एकीकृत करने के उद्देश्य से 15 अप्रैल तक स्टेट रिसोर्स सेंटर का पोर्टल बनाने का निर्देश दिया है।

इस पोर्टल के माध्यम से राज्य में बाल श्रम, मानव तस्करी, बाल विवाह, पोक्सो पीड़ित, कुपोषित, एनीमिया पीड़ित, दिव्यांग, नशे के शिकार और एचआईवी/एड्स से पीड़ित बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और पुनर्वास संबंधी आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। इसके अलावा, इस पोर्टल पर बच्चों के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं, नीतियों, अनुसंधान कार्यों और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं को भी साझा किया जाएगा।

महिला कल्याण विभाग को इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए नोडल विभाग नियुक्त किया गया है, और विभिन्न विभागों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए इस पोर्टल का निर्माण किया जाएगा। इस संबंध में सचिवालय परिसर में मंगलवार को एक बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य ने की।

बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पुलिस, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, आईसीडीएस, समाज कल्याण, कौशल विकास, पंचायती राज और खेल विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ-साथ एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन और पर्वतीय बाल मंच के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि इस पोर्टल पर विभागीय आंकड़े अपलोड होंगे, जिससे बच्चों के कल्याण से जुड़ी सभी जानकारी एकत्रित हो सकेगी। विभाग के निदेशक आर्य ने 15 अप्रैल तक पोर्टल बनाने के निर्देश दिए और इस परियोजना पर काम की समीक्षा के लिए 18 अप्रैल को अगली बैठक आयोजित की जाएगी।

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