देहरादून: उत्तराखंड में केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे परियोजनाओं को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम की पर्वतमाला परियोजना के तहत सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस परियोजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वर्तमान में केदारनाथ यात्रा में 8-9 घंटे का समय लगता है, लेकिन रोपवे के निर्माण के बाद यह समय घटकर सिर्फ 36 मिनट रह जाएगा। रोपवे में 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।
इस महत्वपूर्ण परियोजना का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को सौंपा गया है, जो इस परियोजना की डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार कर रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए रोपवे एक बेहतरीन विकल्प है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों के लिए। पैदल यात्रा दुष्कर हो सकती है, लेकिन रोपवे की मदद से यह यात्रा सभी के लिए आसान होगी।
केदारनाथ रोपवे बनने के बाद, राज्य में हेली सेवाओं का महत्व घट सकता है। वर्तमान में, केदारनाथ के लिए हेली टैक्सी यात्रा बेहद जोखिम भरी मानी जाती है। रोपवे की यात्रा सुरक्षित, किफायती और सुविधाजनक होने की वजह से यात्री इसे प्राथमिकता देंगे, जिससे हेली सेवाओं का चलन सीमित हो सकता है।
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