देहरादून – खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को विशेष निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने सभी पुलिस कप्तानों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत ऐसी घटनाओं में तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
हाल के दिनों में होटल, ढाबों और रेहड़ी-खोखों पर थूकने के वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले की गंभीरता बढ़ गई है। मसूरी में हुए एक मामले में देहरादून पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, इस तरह की घटनाओं का मुख्य संबंध स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा विभाग से है, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को भी सक्रिय रहना आवश्यक है।
दिए गए निर्देश
- सत्यापन: होटल और ढाबा संचालकों को अपने कर्मचारियों का शत-प्रतिशत सत्यापन कराने के लिए कहा गया है।
- सीसीटीवी कैमरे: रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए संचालकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- गश्त और पेट्रोलिंग: पुलिस गश्त और पेट्रोलिंग के दौरान ऐसी घटनाओं पर विशेष ध्यान देगी।
- चेकिंग: समय-समय पर खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर होटल और ढाबों की चेकिंग की जाएगी।
- कानूनी धाराएं: ऐसे मामलों में पुलिस एक्ट और बीएनएस की धारा 274 (खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यदि सांप्रदायिक टकराव की संभावना हो, तो बीएनएस 196(1) या बीएनएस 299 में कार्रवाई की जाएगी।
- जागरूकता अभियान: स्थानीय निकाय और खाद्य सुरक्षा विभाग के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विषय पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, “इस तरह के किसी दुष्कृत्य के लिए उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है। यदि कोई ऐसा करते हुए पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे कारनामों से न केवल खाद्य पदार्थ दूषित होते हैं, बल्कि भावनाएं भी आहत होती हैं। हम इस पर कठोर कार्रवाई करेंगे।”
इस पहल से सरकार की मंशा स्पष्ट है कि वह खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी।
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