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उत्तराखंड: राष्ट्रीय खेलों के कैंप की शुरुआत, जिलों में प्रबंधन कमजोर, तैयारियां अधूरी !

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देहरादून: राज्य सरकार ने 15 नवंबर से राष्ट्रीय खेलों के कैंप आयोजित करने का आदेश जारी किया था, लेकिन खेल अधिकारियों (डीएसओ) की अनुपस्थिति और संसाधनों की कमी के कारण कैंपों की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। इस समय सभी डीएसओ देहरादून में चल रहे युवा महोत्सव में तैनात हैं, जिसके कारण अन्य जिलों में कैंपों का संचालन सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है।

हालात यह हैं कि तीन खेलों के कैंपों को अचानक शिफ्ट करना पड़ा है। खेल संघों ने कैंप के लिए हरिद्वार, देहरादून, रुद्रपुर और हल्द्वानी में स्थान तय किए थे, लेकिन डीएसओ की गैरमौजूदगी के कारण अंतिम समय में ताइक्वांडो का कैंप हल्द्वानी से बागेश्वर शिफ्ट करना पड़ा, वहीं मॉडर्न पेंटाथलॉन का कैंप हल्द्वानी से काशीपुर में और तलवारबाजी का कैंप रुद्रपुर से एक प्राइवेट स्कूल में स्थानांतरित किया गया है।

खेल संघों का कहना है कि अगर कैंपों का सही तरीके से संचालन नहीं हुआ तो खिलाड़ियों के चयन और प्रशिक्षण में बाधा आएगी, जिससे राष्ट्रीय खेलों में उनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।

इस बीच, खिलाड़ियों के लिए भोजन और आवास भत्तों की व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। राज्य सरकार का पिछले साल का शासनादेश अब भी लागू है, जिसके तहत खिलाड़ियों को दिनभर के खाने के लिए 250 रुपये और होटल के लिए 150 रुपये भत्ता मिलता है। खेल संघों ने यह मांग की है कि खाने का भत्ता 480 रुपये और होटल का भत्ता 800 रुपये किया जाए, लेकिन अभी तक इस संशोधन की मंजूरी नहीं मिल पाई है।

खेल संघों के अधिकारियों का कहना है कि यदि जल्द ही भत्तों में संशोधन और उचित व्यवस्थाएं नहीं की गईं, तो राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।

 

 

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