देहरादून – प्रदेश में नये निवेश के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए कई बिल्डर और कंपनियों निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए आगे आए हैं। हरिद्वार जिले में छह कंपनियों ने एक हजार करोड़ का निवेश का 252 एकड़ जमीन पर निजी औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिए आवेदन किया है। इसमें एक कंपनी को मंजूरी मिल चुकी है।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्रदेश सरकार ने 3.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू किया है। लेकिन नये उद्योग लगाने के लिए सिडकुल के औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन नहीं बची है। इस देखते हुए बीते वर्ष निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने नई नीति बनाई थी। जिसमें बिल्डरों व कंपनियों को निजी औद्योगिक क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया गया।
प्रदेश सरकार ने नीति में प्रति एकड़ 10 लाख का अनुदान देने की व्यवस्था की है। नीति के लागू होने के बाद हरिद्वार जिले में कई बिल्डर निजी औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिए आगे आए हैं। शिव ज्योति इंडस्ट्रियल इस्टेट हरिद्वार में 34 करोड़ का निवेश कर 31 एकड़ पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेगी।
सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। जबकि आईएचसी इंफ्रा बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड 225 करोड़ का निवेश का 30 एकड और ब्लूडेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 348 करोड़ का निवेश कर 40 एकड़ पर औद्योगिक क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव दिया है। दोनों प्रस्ताव राजस्व विभाग के स्तर पर लंबित है।
इसके अलावा एचक्यू ऑप्रेशन एंड मैंटीनेंस लिमिटेड ने 190 करोड़ के निवेश से 58 एकड़, नटराज होल्डिंग एंड इंफ्रा ने 186 करोड़ से 31 एकड़ और फुटहिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 80 करोड़ से 62 एकड़ पर औद्योगिक क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को निजी औद्योगिक क्षेत्र नीति के तहत बनने वाले औद्योगिक क्षेत्रों के लिए चयनित जमीन की अलग से भू-परिवर्तन की जरूरत न पड़े। निवेश प्रस्ताव में अनुमति के लिए अनावश्यक देरी न हो।
निजी औद्योगिक नीति में प्राइवेट इंडस्ट्रियल एरिया के लिए जमीन की शर्त रखी है। जिसमें पहाड़ों में दो एकड़ और मैदानों में 30 एकड़ जमीन होनी चाहिए। निजी औद्योगिक क्षेत्र बनने से विर्निर्माण उद्योगों के साथ वस्त्र, खाद्य, एरोमा, ऑटो मोबाइल, आईटी, साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी, एयरो स्पेस, रक्षा, फिल्म क्षेत्र, मेडिसिटी, शिक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए जमीन मिल सके।