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उत्तराखंड: DM के दरबार से शिक्षिका को मिला इंसाफ, 2 दिन में घुटनों पर आया स्कूल प्रबन्धन

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देहरादून: जनहित में त्वरित और प्रभावी निर्णयों के लिए पहचाने जाने वाले जिलाधिकारी सविन बंसल ने एक बार फिर संवेदनशील प्रशासन का परिचय दिया है। विगत *जनता दर्शन* के दौरान मोथरोवाला स्थित इडिफाई वर्ल्ड स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत कनिका मदान ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई कि स्कूल प्रबंधन द्वारा न केवल मार्च व जुलाई माह का वेतन रोक लिया गया है…बल्कि सुरक्षा राशि और अनुभव प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया।

शिकायत सुनते ही जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को तत्काल वस्तुस्थिति की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। डीएम के संज्ञान में आते ही स्कूल प्रबंधन हरकत में आया और शिक्षिका कनिका मदान को 78,966 की राशि का वेतन भुगतान चेक सौंपते हुए अनुभव प्रमाण पत्र भी जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

यह मामला न केवल एक पीड़ित शिक्षिका को न्याय मिलने का प्रतीक है…बल्कि यह भी दर्शाता है कि जिला प्रशासन शोषितों और असहायों की समस्याओं पर तुरंत और कठोर कार्रवाई कर रहा है।

जिलाधिकारी सविन बंसल को उनकी निर्भीक कार्यशैली और जन सरोकारों के प्रति संवेदनशीलता के लिए जाना जाता है। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे विषयों पर वे निरंतर सक्रिय हैं। जिलेभर से आने वाले फरियादी डीएम कार्यालय में अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं…जिनका समाधान समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। प्रतिदिन 40–50 लोग जनदर्शन के माध्यम से जिलाधिकारी से सीधे संवाद कर रहे हैं।

इस मामले से स्पष्ट है कि शोषण करने वाले संस्थानों पर प्रशासन की सख्त नजर है और जनता को न्याय दिलाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। यह न केवल प्रशासन में जनता का विश्वास बढ़ा रहा है…बल्कि शोषकों में भी एक भय का वातावरण बना रहा है।

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