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उत्तराखंड: प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में बनेगा एक-एक मॉडल आयुष ग्राम !

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देहरादून – उत्तराखंड में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक-एक मॉडल आयुष ग्राम बनाए जाएंगे। प्रदेशभर में 12 गांव चयनित कर विभाग ने आयुष गतिविधियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है।

आयुष ग्राम में नियमित रूप से आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी चिकित्सा के शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही गांव के लोगों को औषधीय पौधे भी दिए जाएंगे। उत्तराखंड स्टेट आयुष मिशन सोसायटी ने आयुष ग्राम के साथ योग वेलनेस केंद्र बनाने के लिए रूपरेखा तैयार कर गाइडलाइन जारी की है।

राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रत्येक आयुष ग्राम को हर वर्ष तीन लाख रुपये की राशि दी जाएगी। इन गांवों में हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे। इसके अलावा गांव में रहने वाले सभी परिवारों को औषधीय पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। लोगों को आयुर्वेद व योग के प्रति जागरूक करने के लिए सप्ताह और महीने में शिविर लगेंगे।

गांव के प्रवेश द्वार पर आरोग्य सदन श्लोगन का वॉल पेटिंग की जाएगी। इस बाबत अपर सचिव आयुष विजय कुमार जोगदंडे ने कहा, प्रदेश में आदर्श आयुष ग्रामों का चयन कर लिया गया है। शीघ्र ही इन गांवों में आयुर्वेद गतिविधियां शुरू करने को गाइडलाइन तैयार की जाएगी। आयुष ग्राम में रहने वाले लोगों को आयुष के प्रति जागरूक करने के साथ हर सुविधाएं दी जाएंगी।

अल्मोड़ा में हवालबाग ब्लाक में शाला रौतेला गांव, बागेश्वर में कपकोट ब्लाक में कर्मी गांव, चमोली में देवाल ब्लाक में घेस, चंपावत ब्लाक में सैलानी गोथ, देहरादून के रायपुर ब्लाक में क्यारकुली भट्टा, हरिद्वार के लक्सर ब्लाक में सुभाषगढ़, नैनीताल के भीमताल में नौकुचियाताल, पौड़ी के खरसू ब्लाक में पोखरी, पिथौरागढ़ के मुनाकोट ब्लाक में माजिरकंडा, रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक में पोंथी गांव, टिहरी के नरेंद्रनगर ब्लाक में देयूली गांव, ऊधमसिंह नगर के काशीपुर ब्लाक में प्रतापपुर, उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाक के हर्षिल गांव।

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