नई दिल्ली : वक्फ संशोधन बिल को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस बिल के कई संशोधनों को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया था, जिन्हें अब सख्ती से लागू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, 19 फरवरी को हुई बैठक में अधिकांश संशोधनों को मंजूरी दी गई, जिससे अब वक्फ बिल को बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पेश किए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
वक्फ संशोधन बिल को पहले अगस्त 2024 में लोकसभा में पेश किया गया था, और इसके बाद इसे जेपीसी द्वारा समीक्षा के लिए भेजा गया था। जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में वक्फ बोर्ड से संबंधित कई संशोधन सुझाव दिए थे, जिनका मकसद वक्फ संपत्तियों की बेहतर निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इन संशोधनों पर अपनी असहमति जताई है।
संशोधनों में किए गए प्रमुख बदलाव:
- गैर-मुस्लिम सदस्यों को प्रतिनिधित्व
- महिला प्रतिनिधित्व
- सत्यापन प्रक्रियाओं में सुधार
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कमी
- वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण
- अवैध कब्जों की रोकथाम
- वक्फ न्यायाधिकरण की शक्तियों में वृद्धि
- वक्फ संपत्तियों के अनधिकृत हस्तांतरण पर कार्रवाई
वक्फ बोर्ड कानून में प्रस्तावित बदलाव:
पुराने वक्फ कानून के तहत, यदि किसी प्रॉपर्टी पर वक्फ का दावा है, तो उस पर केवल ट्रिब्यूनल में ही अपील की जा सकती थी। नए संशोधन के तहत अब अपील हाई कोर्ट में भी की जा सकेगी। पुराने कानून के अनुसार, मस्जिद पर वक्फ का दावा किया जा सकता था, जबकि नए कानून के अनुसार, अगर वह संपत्ति दान में नहीं दी गई तो वक्फ उस पर दावा नहीं कर सकेगा।
वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ बोर्ड एक इस्लामिक संस्था है, जिसे धार्मिक उद्देश्य से दान की गई संपत्तियों की देखरेख करने के लिए स्थापित किया गया था। इसे 1954 में भारतीय संसद से एक कानून पारित कर स्थापित किया गया था। इसके बाद से देश भर में कई राज्य वक्फ बोर्ड बनाए गए।
वर्तमान में, वक्फ बोर्ड को देश में 3.56 लाख संपत्तियों का अधिकार प्राप्त है, जिनमें से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब में सबसे अधिक संपत्तियां हैं। इसके साथ ही, वक्फ बोर्ड ने देशभर में अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की है, और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पंजाब तथा उत्तराखंड जैसे राज्यों में वक्फ संपत्तियों पर कब्जा किए जाने के मामले सामने आए हैं।
वक्फ बोर्ड की देखरेख में आए बदलाव
नए संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्ड में महिलाओं और गैर-मुस्लिमों को प्रतिनिधित्व देने की बात की गई है। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों की सख्त निगरानी, अवैध कब्जों को रोकने और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और ट्रांसपेरेंसी के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि कुछ संशोधन धार्मिक और सामाजिक असमानताएं पैदा कर सकते हैं।