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गढ़वाली से लेकर लोकल उत्पादों तक, जानें रजत जयंती समारोह में पीएम मोदी ने क्या कहा ?

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रजत जयंती में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। पीएम मोदी ने गढ़वाली से अपने संबोधन की शुरूआत की। उन्होंने गढ़वाली में प्रदेश के लोगों को नमस्कार किया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। अपने संबोधन की शुरूआत में पीएम ने कहा कि 9 नवंबर का दिन लंबी तपस्या का फल है।

प्रधानमंत्री ने गिनवाई 25 सालों की उपलब्धियां

पीएम मोदी ने प्रदेशवासियों को दी राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने कहा कि उत्तराखंड से मेरा लगाव बहुत गहरा है। पीएम ने कहा कि पहले भी मैंने पहले भी कहा था ये दशक उत्तराखंड का है ये सिर्फ वाक्य नहीं था बल्कि मेरा आप पर पूरा भरोसा था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड है।

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें 

  1. प्रधानमंत्री ने गढ़वाली से की अपने संबोधन की शुरूआत, उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड का मेरा भाई बंधो, भैया भूली, आप सभी को मेरा नमस्कार।
  2. पीएम ने कहा कि देवभूमि की जनता का सपना 25 साल पहले अटल सरकार ने पूरा किया था।
  3. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान गढ़वाली में कहा ‘2047 मा भारत थे विकसित देशों की लेन मा ल्याण थुणी म्यरो उत्तराखंड मेरो देवभूमि पूरी तरह से तैयार छिन।
  4. 25 सालों में उत्तराखंड की उपलब्धियां गिनाते हुए पीएम ने कहा कि 25 साल पहले उत्तराखंड का बजट चार हजार करोड़ था। आज ये बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है।
  5. 25 सालों में उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश बना है और आज बिजली उत्पादन चार गुना ज्यादा हो गया है।
  6. उत्तराखंड में लगातार रोड कनेक्टिविटी पर काम हो रहा है। 25 सालों में सड़कों की लंबाई बढ़कर दोगुनी हो गई है।
  7. पीएम मोदी ने कहा कि आज विकास की ऊंचाइयों पर उत्तराखंड पहुंच गया है और ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड है।
  8. पीएम ने कहा कि आध्यात्मिक जीवन की उत्तराखंड धड़कन है। आने वाले समय में उत्तराखंड स्पिरिचुअल कैपिटल ऑफ वर्ल्ड के रूप में विकसित हो सकता है।
  9. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जहां चाह वहां राह’। हमें पता होगा कि हमारा लक्ष्य क्या है तो निश्चित ही हम आगे बढ़ेंगे। उत्तराखंड ने इसे साबित कर दिखाया है।
  10. उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या बीते कुछ सालों में बढ़ी है। ऐसे में हमें पहाड़ी भोजन को पर्यटकों की परोसना होगा। इससे वे खुश होंगे बल्कि यही चीज है उन्हें दोबारा खीचेंगी।

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