पौड़ी – जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु विभागीय योजनाओं में अवमुक्त एवं व्यय की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन विभागों द्वारा प्रथम किश्त प्राप्त की गई है वह दूसरी किश्त की डिमांड 31 अक्टूबर तक भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने पशुपालन, शिक्षा विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को शीघ्रता से विकास कार्यो की प्रगति आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग तथा पर्यटन विभाग को प्रगति बढ़ाने को निर्देशित किया कि 31 अक्टूबर तक धनराशि की डिमांड करें व जो निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं उनका टेंडर पूर्ण करते हुए शीघ्रता से कार्य प्रारंभ करना सुनिश्चित करें। उन्होंने लोनिवि निर्माण खंड को निर्देशित किया कि पूल्ड हाउस के लिए जल्द धनराशि की डिमांड करें। साथ ही जिलाधिकारी ने लोनिवि के समस्त डिविजनों को भी निर्देशित किया कि जिनके द्वारा अभी तक दूसरी किश्त की डिमांड नहीं की गई है वह तत्काल डिमांड करना सुनिश्चित करें। कहा कि समय पर विकास कार्यो में तेजी लाते हुए गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण करें। उन्होंने कृषि अधिकारी को निर्देशित किया कि जिन विकास कार्यो के कार्य पूर्ण हो चुके हैं उन्हें जल्द भुगतान करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने उद्यान अधिकारी को भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष परिव्यय व वित्तीय प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी को प्रत्येक माह विभिन्न स्थानों पर 4-4 सामान्य शिविर लगाने तथा कम से कम एक बहुउद्देशीय शिविर लगाने के निर्देश दिए। शिक्षा अधिकारी को जिला योजना, राज्य योजना, केंद्र योजना तथा बाह्य योजना का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि विकास कार्यो का कार्य प्रारंभ से पूर्व, कार्य प्रारंभ तथा कार्य पूर्ण होने तक 3 फोटोग्राफ्स उपलब्ध करायें।
उन्होंने कहा कि जिन विभागों के जो निर्माण कार्य प्रगति पर हैं या प्रारंभ होने वाले हैं वह उनका समय-समय पर निरीक्षण भी करें। जिससे कार्यो में कमी पाये जाने पर मौके पर ही उसका सुधारीकरण किया जा सकेगा। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि जिन विभागों की कार्यो में कम प्रगति है उन विभागों की समीक्षा बैठक करें। जिलाधिकारी ऐसी विभागों जिनकी कार्यदाई एजेंसी अन्य विभाग अथवा फर्म है उस एजेंसी अथवा फर्म द्वारा किए जा रहे कार्य की गुणवत्ता समय-समय पर चेक करने तथा मौके पर जाकर गुणवत्ता को चेक करते हुए कार्य करवाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने संबंधित विभागों को परिव्यय के सापेक्ष खर्च की प्रगति बढ़ाने के निर्देश भी दिए।