Crime
अंकिता हत्याकांड: सीएम धामी ने न्याय दिलाने में निभाई अहम भूमिका…
देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। कोटद्वार की एडीजे कोर्ट द्वारा तीनों आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए हैं और अब कोर्ट जल्द ही अंतिम सजा का ऐलान करने वाली है।
अंकिता की हत्या के 24 घंटे के भीतर तीनों आरोपियों — पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता — को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था…और तब से वे सलाखों के पीछे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया…जिसने गहराई से जांच कर साक्ष्य जुटाए।
जांच के दौरान तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया गया। SIT द्वारा कोर्ट में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें 100 गवाहों के बयान शामिल किए गए हैं। जांच और सुनवाई के दौरान तीनों आरोपियों पर हत्या, सबूत मिटाना, छेड़छाड़ और अनैतिक देह व्यापार से जुड़ी धाराएं भी लगाई गई हैं।
उत्तराखंड सरकार ने इस पूरे मामले में परिवार को हरसंभव सहायता देने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अंकिता के परिवार को 25 लाख की आर्थिक मदद दी गई। साथ ही अंकिता के पिता और भाई को सरकारी नौकरी भी दी गई…जिससे उन्हें भविष्य के लिए सहारा मिल सके।
न्यायिक प्रक्रिया को और मज़बूत बनाने के लिए अंकिता के परिजनों की मांग पर तीन बार सरकारी वकील बदले गए। अंततः जो वकील नियुक्त किए गए, उन्होंने कोर्ट में कड़ी और प्रभावशाली पैरवी की….जिसकी वजह से दोषियों की हर बार दी गई जमानत अर्जी खारिज कर दी गई।
अब सबकी नजरें कोर्ट के उस अंतिम फैसले पर टिकी हैं, जिसमें यह तय होगा कि अंकिता को न्याय दिलाने के लिए दोषियों को क्या सजा दी जाएगी।
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