केदारनाथ: विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट कल, भैयादूज के पर्व पर प्रातः आठ बजकर तीस मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान बाबा केदार छह महीने के लिए समाधि में लीन हो जाएंगे। कपाट बंद होने की सभी तैयारियां धाम में पूरी की जा रही हैं।
आज, शनिवार को बाबा केदार की चांदी की पंचमुखी डोली को केदारनाथ के भंडारण गृह से मंदिर के गर्भगृह में विराजमान किया गया। इसी डोली में बाबा केदार की भोग मूर्ति अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ लाई जाएगी।
केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष भैयादूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए जाते हैं। इसके बाद डोली विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी, जहां भगवान शंकर की छः माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना संपन्न होगी।
उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने से पूर्व चाह पहर की पूजा की जाती है, जिसमें भगवान शिव को विभूति समाधि देकर कपाट बंद किए जाते हैं। इसके बाद पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान करती है।
जो भक्त किसी कारणवश केदारनाथ धाम नहीं पहुंच पाते, वे ओंकारेश्वर मंदिर में जाकर भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इस प्रकार, श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना केदारनाथ धाम अब शीतकालीन प्रवास के लिए तैयार है।