Delhi
पूरी दुनिया में फैल रहा ब्लीडिंग आई वायरस, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके….
दिल्ली : ब्लीडिंग आई वायरस यानी आंखों में खून आना या खून के थक्के जमना एक गंभीर बीमारी है, जो हाल ही में तेजी से फैल रही है। यह वायरस 17 देशों में फैल चुका है, जिनमें से रवांडा में इस गंभीर वायरस के कारण 15 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं। आइए जानते हैं कि ब्लीडिंग आई वायरस क्या है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
ब्लीडिंग आई वायरस क्या है?
ब्लीडिंग आई वायरस को वैज्ञानिक भाषा में हेमोरेजिक कंजक्टिवाइटिस (Hemorrhagic Conjunctivitis) कहा जाता है। यह एक वायरल संक्रमण है, जो आंखों में खून के बहने जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकता है। इस वायरस में आंखों के सफेद भाग में खून के थक्के जमा जाते हैं और यह तेजी से फैलता है।
ब्लीडिंग आई वायरस के लक्षण
मारबर्ग वायरस या ब्लीडिंग आई वायरस के लक्षण 2 से 20 दिनों तक दिखाई दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आंखों में तेज जलन और खुजली
- आंखों के सफेद भाग में लालिमा और खून का थक्का जमना
- धुंधला दिखाई देना
- सिर में दर्द और चक्कर आना
- मितली या उल्टी आना
- हल्का बुखार होना
ब्लीडिंग आई वायरस से बचने के तरीके
इस वायरस से बचाव के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाना बेहद जरूरी है:
- हाथों की सफाई: बार-बार हाथों को साबुन और पानी से धोना चाहिए।
- आंखों से बचाव: गंदे हाथों से आंखों को छूने से बचना चाहिए।
- साफ सफाई: आंखों और चेहरे को पोंछने के लिए साफ तौलिए और रुमाल का इस्तेमाल करें।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी: संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए।
- आई ड्रॉप्स और एंटीबायोटिक्स: डॉक्टर की सलाह से ही आंखों में ड्रॉप्स और एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करें।
- कांटेक्ट लेंस का ध्यान रखें: अगर आप कांटेक्ट लेंस इस्तेमाल करते हैं, तो उसकी सफाई पर विशेष ध्यान दें।
ब्लीडिंग आई वायरस गंभीर हो सकता है, लेकिन यदि सही उपायों को अपनाया जाए तो इससे बचाव संभव है। इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता और सावधानी बरतना बेहद महत्वपूर्ण है।
#BleedingEyeVirus #HemorrhagicConjunctivitis #MarburgVirus #EyeInfection #VirusPrevention #HealthAwareness #EyeCare #PreventInfection #StaySafe #RwandaVirusOutbreak