देहरादून – केंद्र सरकार से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बजट न मिलने से निर्माण सामग्री की देनदारी करोड़ों रुपये में पहुंच गई है। लगभग पांच माह से केंद्र ने निर्माण सामग्री के लिए बजट जारी नहीं किया है।
इससे जिलों में मनरेगा के तहत होने वाले काम प्रभावित हो रहे हैं। मनरेगा योजना के तहत प्रदेश में 10.33 लाख जॉब कार्ड बने हैं। इसमें श्रमिकों की संख्या 17.26 लाख है। मनरेगा में काम मांगने वाले सक्रिय श्रमिकों की संख्या 11.86 लाख है। जिन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 230 रुपये मजदूरी मिलती है। मनरेगा योजना में 60 प्रतिशत मजदूरी और 40 प्रतिशत राशि निर्माण सामग्री के लिए निर्धारित है।
केंद्र सरकार की ओर से निर्माण सामग्री के लिए 75 प्रतिशत अंशदान मिलता है, लेकिन सितंबर 2023 से निर्माण सामग्री का बजट नहीं मिला है। जिससे प्रदेश में देनदारी 69 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
इसमें टिहरी जिले में 13.81 करोड़ रुपये, देहरादून में 16.54 करोड़ रुपये, हरिद्वार में 14.49 करोड़ रुपये, उत्तरकाशी में 18.39 करोड़ रुपये और रुद्रप्रयाग जिले में आठ करोड़ रुपये की देनदारी हो गई है। अब पंचायतों को मनरेगा कार्यों के लिए निर्माण सामग्री देने वाले सप्लायर भी बकाया भुगतान न होने से हाथ खींच रहे हैं।
ग्राम्य विकास आयुक्त आनंद स्वरूप ने बताया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरी भुगतान के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। निर्माण सामग्री के बजट के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही बजट मिलने की उम्मीद है। इसके बाद जिलों को निर्माण सामग्री का पैसा जारी किया जाएगा।